• होम
  • अध्यात्म
  • होली से पहले जान लें क्या है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

होली से पहले जान लें क्या है होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि

इस साल होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा। होलिका दहन को छोटी होली भी कहा जाता है। मान्यता है कि होलिका दहन के दिन घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है.

Holika Dahan Muhurat 2025
  • March 11, 2025 1:50 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 weeks ago

लखनऊ: होलिका दहन फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है। इस साल होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा। होलिका दहन को छोटी होली भी कहा जाता है। होलिका दहन का त्योहार बुराई की अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होलिका दहन को अच्छाई के तौर पर मनाया जाता है। होलिका दहन के दौरान घर में सुख-संपत्ति की कामना की जाती है।

शुभ मुहूर्त

मान्यता है कि होलिका दहन के दिन घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर जाती है। इसलिए पूरे श्रद्धा भाव से होलिका दहन किया जाना चाहिए। होलिका दहन के दिन रात के समय होलिका को दहन किया जाता है। अब सवाल यह उठता है कि होलिका दहन किस समय करनी चाहिए या इसे दहन करने का शुभ मुहूर्त क्या है। होलिका दहन के शुभ मुहूर्त की बात करें तो होलिका को दहने करने का शुभ मुहूर्त गुरुवार को है। गुरुवार की रात 11.26 बजे से इसका शुभ मुहूर्त शुरू होगा, जो देर रात 12.30 बजे जाकर समाप्त हो जाएगा।

होलिका दहन की विधि

होलिका दहन वाले दिन सुबह उठकर जल्दी स्नान कर लेना चाहिए। नहाने के बाद व्रत का संकल्प लेने के बाद होलिका दहन की तैयारी करनी चाहिए। होलिका दहन की सारी सामग्री इकट्ठा करने के बाद होलिका और प्रह्लाद की प्रतिमा को स्थापित करके भगवान नरहिंह की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। इसके बाद होलिका को अग्नि दें। होलिका की तीन बार प्रक्रिमा करनी चाहिए। भगवान नरसिंह से प्रार्थना करते हुए आग में गेहूं की बालिया, जौ और गोबर के उपले डालने चाहिए।

किस मंत्र का करें जाप

इसके बाद अग्नि में गुलाल और जल को डालें। अगर आपके घर में वास्तु दोष है तो होलिका की राख को दक्षिण पूर्व दिशा में रखें। इससे घर का वास्तु दोष दूर होता है। होलिका दहन की ज्वाला को देखने के बाद ही भोजन ग्रहण करें। वहीं इस अवसर पर अहकूटा भयत्रस्तै: कृता त्वं होलि बालिशै:, अतस्वां पूजयिष्यामि भूति-भूति प्रदायिनीम मंत्र का जाप करना चाहिए।

ये भी पढ़ें: होली पर लगेगा चंद्र ग्रहण, जानें क्या होलिका दहन के समय भी रहेगा सूतक काल?