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UP Election 2022: मंत्री और विधायक पर आरोप लगाकर दरोगा ने भरी सभा में दिया इस्तीफा, बोले- ‘BJP वालों ने मेरा खून पी रखा है

UP Election 2022: उत्तर प्रदेश, UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में इस समय विधानसभा चुनाव का खुमार ज़ोरो पर है, हर पार्टी इस समय जनता में अपनी पैठ मज़बूत करने में जुटी है, ऐसे में यूपी पुलिस की एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है जहाँ समाजवादी पार्टी की चुनावी जनसभा में पहुंचे वन […]

UP Elections 2022
inkhbar News
  • January 31, 2022 5:32 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 years ago

UP Election 2022:

उत्तर प्रदेश, UP Election 2022: उत्तर प्रदेश में इस समय विधानसभा चुनाव का खुमार ज़ोरो पर है, हर पार्टी इस समय जनता में अपनी पैठ मज़बूत करने में जुटी है, ऐसे में यूपी पुलिस की एक चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है जहाँ समाजवादी पार्टी की चुनावी जनसभा में पहुंचे वन विभाग के दारोगा अजीत भड़ाना ने भाजपा कार्यकर्ताओं पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए मौके पर ही अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया.

इस्तीफे के बाद दरोगा ने थामा सपा का दामन

जिन जन रक्षकों, हमारे पुलिसकर्मियों के कन्धों पर आमजन की मुश्किलों और परेशानी हल करने की जिम्मेदारी होती है, अब अगर वे ही आज समाज में प्रताड़ित हो तो उनकी रक्षा कौन करे. ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रदेश के ही बुलंदशहर से सामने आया है. जहाँ वन विभाग में तैनात दरोगा अजीत भड़ाना ने बीजेपी विधायकों पर जबरदस्ती भाजपा को वोट देने का आरोप लगाया है. और यही कारण है कि अब उन्होंने अपने पद से भी इस्तीफ़ा दे दिया. अब उन्‍होंने दरोगा की वर्दी उतार कर लाल टोपी धारण कर ली है. बता दें कि मेरठ जिले के हस्तिनापुर विधानसभा क्षेत्र से आरएलडी-एसपी प्रत्याशी योगेश वर्मा की चुनावी जनसभा चल रही थी, जिस दौरान दरोगा अजीत भड़ाना ने भाजपा पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सपा का दामन थाम लिया.

गुर्जरों के लिए भाजपा शासन बहुत ही खराब- अजित भड़ाना

जनसभा में दरोगा अजीत भड़ाना ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा वालों ने उनका खून पी रखा है, भाजपा शासन गुर्जरों के लिए बहुत ही खराब है. भाजपा के आने के बाद गुर्जरों को सरकारी नौकरी में कोई मौके नहीं मिले हैं. आगे, अजित भड़ाना ने बीजेपी मंत्री अशोक कटारिया पर आरोप लगाते हुए कहा कि कटारिया ने उनसे फोन पर पूछा की वे किस पार्टी को वोट दे रहे हैं, इसपर अजीत भड़ाना ने उनकी पार्टी पर नौकरी न देने का आरोप लगाते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया.

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