नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार ने पुलवामा हमले और गुजरात में नरोदा गाम हिंसा मामले पर कड़ी टिप्पणी की है। पवार ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए मुंबई कार्यकर्ता खेमे से कहा कि जवानों को समय पर जरूरी सुविधाएं नहीं मिली हैं। इससे जवान शहीद हो गए। तब राज्यपाल सत्यपाल मलिक के बोलने पर रोक लगा दी गई थी। आपने (केंद्र सरकार) सावधानी क्यों नहीं बरती?
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने कहा कि उन्होंने ऐसी खबरें देखी हैं कि गुजरात दंगों के दौरान विधायक और पूर्व मंत्री भी उन लोगों में शामिल थे जिनके नाम सामने आए हैं। उन्हें अदालत ने बरी कर दिया था। अब जो मारे गए वो तो चले गए, लेकिन कानून और संविधान की भी हत्या कर दी गई है। यह केवल इसलिए हुआ है क्योंकि सत्ता हाथ में है। दरअसल, गुजरात के नरोदा गाम में गोधरा के बाद हुए दंगों में 11 लोगों के मारे जाने के दो दशक से ज़्यादा समय बाद गुजरात की एक अदालत ने फैसला सुनाया है। इस फैसले के तहत गुरुवार (20 अप्रैल) को पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी सहित सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
शरद पवार ने कहा कि NCP नेता अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार का आरोप है और अब जब चार्जशीट भी दायर की है। इस चार्जशीट में दावा किया गया है कि 1.5 करोड़ रुपये की भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने शिक्षा प्रणाली के लिए एक करोड़ रुपये का दान दिया और उन पर मुकदमा चलाया गया। पवार ने कहा नवाब मलिक को कब तक क्या हुआ? अब तारीख बढ़ाकर 15 दिनों के बाद की डेट दे दी गई है। क्योंकि वो हमारी पार्टी के प्रवक्ता है तो उन्हें जेल भेजा गया। इसी तरह संजय राउत को भी जेल हुई थी।