नई दिल्ली : हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। इसके ज़रिए लोगों को पर्यटन के प्रति जागरूक किया जाता है और इसमें योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाता है। पर्यटन दुनिया भर में अलग-अलग जगहों पर लोगों को आर्थिक मदद मुहैया कराता है। इतना ही नहीं, यह किसी देश या राज्य की आर्थिक स्थिति को भी बढ़ावा देता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यटन के महत्व को समझाना है। साथ ही, इसके सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक और आर्थिक योगदान के बारे में लोगों में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जाता है। देखा जाए तो पर्यटन कई संस्कृतियों और जगहों को भी जोड़ता है।
विश्व पर्यटन संगठन की स्थापना 1970 में हुई थी, जिसे UNWTO भी कहा जाता है। संगठन ने 10 साल बाद 1980 में विश्व पर्यटन दिवस मनाने का फैसला किया। संगठन ने अपनी स्थापना के दिन यानी 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस के रूप में चुना। तब से हर साल 27 सितंबर को विश्व पर्यटन दिवस मनाया जाता है। यह दिन हमें पर्यटन के विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रेरित करता है। साथ ही यह दिन पर्यटन को समृद्धि के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करता है।
इस साल 2024 में पर्यटन दिवस की थीम पर्यटन और शांति रखी गई है। कहा जाता है कि इस थीम का उद्देश्य रोजगार सृजन को बढ़ाना है। इससे समावेश को बढ़ावा मिल सकता है। साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को भी मजबूत किया जा सकता है। आपको बता दें कि UNWTO हर साल एक नई थीम तय करता है। इसके जरिए पर्यटन से जुड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश की जाती है।
वैसे भारत में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जो इस साल के विश्व पर्यटन दिवस की थीम से मेल खाती हैं। यहां जाने के बाद आपको असीम शांति मिलती है। इस लिस्ट में सबसे पहला नाम उत्तराखंड के चकराता का है। यह पहाड़ों से घिरी एक शांतिपूर्ण जगह है, जिसकी खूबसूरती मन को मोह लेती है। वैसे अगर आपको शांति चाहिए तो आप बर्फ से ढकी ओली भी देख सकते हैं। भारत में ऐसी कई जगहें हैं जहां आपको खूबसूरती देखने के साथ-साथ शांति भी मिलती है।
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