Sun Temple की यात्रा: जानें इन प्राचीन मंदिरों के छिपे रहस्य
प्राचीन काल में ये मंदिर खगोल विज्ञान और ऊर्जा के अध्ययन का भी केंद्र रहे हैं. हर मंदिर की अपनी एक अनोखी कहानी और रहस्य है .कहीं मूर्ति की दिशा विशेष कारणों से चुनी गई है, तो कहीं निर्माण में ऐसी तकनीकें अपनाई गईं जो आज भी लोगों को हैरान करती हैं. आइए जानते हैं भारत के 8 प्रमुख सूर्य मंदिरों के बारे में जो न केवल श्रद्धा का केंद्र हैं बल्कि अद्भुत ऐतिहासिक धरोहर भी हैं.
कोणार्क सूर्य मंदिर
ओडिशा का कोणार्क सूर्य मंदिर विश्व प्रसिद्ध है. यह मंदिर 13वीं शताब्दी में राजा नरसिंहदेव प्रथम ने बनवाया था. इसकी आकृति विशाल रथ जैसी है जिसमें 12 जोड़ी पत्थर के पहिए और सात घोड़े हैं.
मार्तड सूर्य मंदिर
मार्तंड सूर्य मंदिर कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में स्थित है. इसे 8वीं शताब्दी में राजा ललितादित्य मुक्तापिड़ ने बनवाया था. यह मंदिर ग्रीक और कश्मीरी वास्तुकला का सुंदर मिश्रण है.
मोढेरा सूर्य मंदिर
गुजरात का मोढेरा सूर्य मंदिर 1026 ई. में सोलंकी राजा भीमदेव ने बनवाया था. यह मंदिर तीन हिस्सों में बंटा है. गर्भगृह, सभा मंडप और सूर्यमंडप.
कटारमल सूर्य मंदिर
उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित यह मंदिर 9वीं शताब्दी में बना था. इसे "उत्तर भारत का कोणार्क" कहा जाता है.
सूर्यानारायण मंदिर
तमिलनाडु के अरसमरना में स्थित यह मंदिर दक्षिण भारत का प्रमुख सूर्य मंदिर है. यहां सूर्य देव के साथ नवग्रहों की मूर्तियां भी स्थापित हैं.
रणकपुर सूर्य मंदिर
राजस्थान का रणकपुर सूर्य मंदिर अपनी खूबसूरत नक्काशी और जैन शैली की वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है. यहां सूर्य देव को सात घोड़ों वाले रथ पर दर्शाया गया है.
लालगुंज सूर्य मंदिर
बिहार के लालगुंज में स्थित सूर्य मंदिर स्थानीय लोगों के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है. यहां छठ पूजा के दौरान हजारों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं.
सूर्य नारायण मंदिर
गया का सूर्य नारायण मंदिर धार्मिक दृष्टि से अत्यंत प्रसिद्ध है. यह मंदिर फल्गु नदी के तट पर स्थित है. यहां हर साल छठ पर्व के समय लाखों श्रद्धालु पूजा करने आते हैं.
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