नई दिल्ली : राजस्थान का जयपुर शहर बेहद खूबसूरत जगहों में से एक है। इसे पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है। हर साल लाखों पर्यटक यहां आते हैं। यहां कई खूबसूरत जगहें हैं, जहां आप भारतीय संस्कृति और इतिहास की झलक देख सकते हैं। जयपुर में स्थित हवा महल और जल महल के बारे में तो आपने कई बार सुना होगा। यहां और भी कई जगहें हैं। जहां आप घूमने जा सकते हैं। कई ऐतिहासिक खूबसूरत जगहें जहां आप अपने परिवार या दोस्तों के साथ घूमने जा सकते हैं।
जयपुर का सिटी पैलेस राजस्थान के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक है। इस महल का निर्माण जयपुर के संस्थापक महाराजा सवाई जय सिंह ने करवाया था। यह बेहद खूबसूरत महल है। जो मुगल और राजपूत वास्तुकला का खूबसूरत मिश्रण है। सिटी पैलेस परिसर में मुबारक महल और महारानी का महल भी शामिल है। मुबारक महल में अब महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय संग्रहालय भी है। जहां शाही परिधानों, नाजुक पश्मीना, शॉल, बनारस सिल्क साड़ियों के अलावा कई अन्य चीजें शामिल हैं।
आप जयपुर में गलताजी मंदिर भी जा सकते हैं। अरावली पहाड़ियों के बीच बगीचों से परे स्थित इस मंदिर, पवित्र तालाब, मंडप और चारों तरफ हरियाली, यह प्राकृतिक नजारा मन को मोह लेगा। गलताजी मंदिर जयपुर से करीब 10 किलोमीटर दूर स्थित है। मंदिर परिसर में एक प्राकृतिक ताजे पानी का झरना और 7 पवित्र तालाब हैं। भव्य मंदिर गुलाबी बलुआ पत्थर से बना है। अगर आप भी जयपुर जा रहे हैं, तो यहां भी जा सकते हैं।
आमेर किला जयपुर का एक बहुत बड़ा किला है। यह एक बेहद आकर्षक पर्यटन स्थल है। किला जयपुर से करीब 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। किले का निर्माण पीले और गुलाबी पत्तों से किया गया है। इस किले में राजपूत और मुगल वास्तुकला का नमूना देखा जा सकता है। इसमें दीवान-ए-आम या, दीवान-ए-खास, शीश महल या जय मंदिर और सुख निवास शामिल हैं। यह महल राजपूत महाराजाओं और उनके परिवार का निवास स्थान हुआ करता था।
पन्ना मीना का कुंड को पन्ना मीना की बावड़ी के नाम से भी जाना जाता है। यह एक ऐतिहासिक प्राचीन बावड़ी है। पहले के समय में यह पानी का एक महत्वपूर्ण स्रोत हुआ करता था और कई लोग इसका उपयोग करते थे। लेकिन आज यह एक पर्यटन स्थल बन गया है। लोग अक्सर यहाँ जाकर फोटो क्लिक करना पसंद करते हैं।
कनक वृंदावन जयपुर में स्थित एक उद्यान है। यह अरावली पहाड़ियों से घिरी घाटी में आमेर किले के रास्ते में नाहरगढ़ किले के नीचे स्थित है। यह स्थान जयपुर से लगभग 8 किमी की दूरी पर स्थित है। इस परिसर के पास कई हरी-भरी जगहें हैं और आमेर किला, नाहरगढ़ किला और जयगढ़ किला भी शामिल हैं। इस उद्यान का निर्माण जयपुर के कछवाहा राजपूत महाराजा सवाई जय सिंह ने लगभग 280 साल पहले करवाया था। इसका नाम महाराज की रानी कनकदे के नाम पर रखा गया था। यहाँ परिसर में गोविंद देव जी की मूर्ति वृंदावन से आई थी, जिसके कारण इसे वृंदावन के नास से जोड़ा गया था।
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