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Jagannath Temple facts: जगन्नाथ मंदिर के 7 रहस्य, जिन्हें जानकर आप जाएंगे चौक
पुरी में स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर न केवल भारत के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक है बल्कि यह रहस्य और चमत्कारों से भी भरा हुआ है भगवान जगन्नाथ बलभद्र और सुभद्रा को समर्पित या मंदिर चार धामों में से एक प्रमुख तीर्थ है यहां पर कई हर साल लोग दारू दर्शन और रथ यात्रा के लिए पहुंचते हैं वह केवल हमारे देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आते है।

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अजीब तरीके से पकता है खाना
यहां पर खाना पकाने के लिए एक के ऊपर एक साथ 7 बर्तन रखे जाते हैं और खाना पूरा लड़कियों से पकाया जाता है यहां पर सबसे ऊपर वाला बर्तन का खाना पहले पकता है उसके बाद नीचे वाले बर्तनों का खाना एक-एक करके पकता है यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।

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मंदिर के ऊपर नहीं उड़ाता कोई परिंदा
पुरी जगरनाथ मंदिर के ऊपर से आज तक किसी भी पक्षी अभियान को उड़ते हुए नहीं देखा गया है साइंटिस्ट और करंट या चुंबकीय क्षेत्र से जोड़ते हैं लेकिन आज तक इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है ना पक्षी ना पतंग कोई भी चीज मंदिर के ऊपर से उड़ती हुई दिखाई नहीं देती है।

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मंदिर की छाया कभी नहीं पड़ती
यह एक भव्य मंदिर की विशेषता है कि इसका कोई भी छाया या परछाई दिन में किसी भी समय जमीन पर दिखाई नहीं देती है चाहे दोपहर का समय हो या शाम का मंदिर की छाया नहीं पड़ती जो अपने आप में एक अद्भुत बात है।

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सुदर्शन चक्र एक जैसा दिखता है
मंदिर के ऊपर से स्थित सुदर्शन चक्र को आप मंदिर की किसी भी कोने से देखें वह ऐसा दिखेगा की आपको देख रहा है यह एक खास इंजीनियरिंग डिजाइन का कमाल है इस इस तरीके से स्थापित किया गया है कि देखने वालों को लगता है कि वह सुदर्शन चक्र ने उसी की तरफ में किया है

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झंडे की दिशा हमेशा विपरीत रहती है
श्री जगन्नाथ मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला झंडा हमेशा हवा की दिशा के विपरीत लहराता है यह विज्ञान के सामान्य नियमों के खिलाफ है क्योंकि आमतौर पर झंडा हवा की दिशा में लहरता है इसे देखकर हर कोई हैरान रह जाता है।

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समुद्र के लहरों की आवाज मंदिर में नहीं आती
मंदिर के सिंह द्वार पर कदम रखते ही समुद्र की लहरों की आवाज धीरे-धीरे बंद हो जाती है जैसे ही आप मंदिर से बाहर एक भी कदम रखते हैं तो लहरों की आवाज आपके कानों में गूंजने लगती है यह एक आश्चर्यजनक बात है अब तक कोई इसका पता नहीं लग पाया है।

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दुर्गंध नहीं आती है अंदर
इस मंदिर के बाहर स्वर्ग द्वार है जहां पर मुक्ति पाने के लिए शव जलाए जाते हैं चिताओं का अंतिम संस्कार किया जाता है लेकिन जब भी आप मंदिर से बाहर कदम रखते हैं तो आपको चिताओं की गंध नहीं सूंघने को मिलती है।
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. inkhabar इसकी पुष्टि नहीं करता है.