सभी ने बहन को कई बार भोजन के लिए कहा लेकिन बहन ने कहा कि भाई अभी चांद नहीं निकला है, वह चांद निकलने और उसे अर्घ्य देकर ही भोजन करेगी. इसके बाद उसके भाईओ की बहन की चिंता हुई कि बहन ने सारे दिन से कुछ नहीं खाया है. जिसके बाद बहन की चिंता ने भाईयों ने एक तकरीब निकाली. उन्होंने तय किया कि घर से दूर नगर में जाकर आग जला दी और छलनी लाकर बहन को उसमें से प्रकाश दिखाकर कहा कि बहन चांद निकल आया है कि अर्घ्य दे दो.