करवा चौथ व्रत कथा इस प्रकार है. एक नगर में एक साहूकार रहता था, जिसके सात बेटे और एक बहन थीं. सात भाइयों के बीच में एकलौटी बहन काफी लाडली थी. जब करवा चौथ आया तो साहूकार की बेटी संग सातो बहूओं ने भी व्रत रखा और लड़की वंरत को पूरा करने के लिए मायके आ गई. वहीं घर में करवा चौथ के दिन अपनी बहन को भूखी प्यासी देखकर भाईयों ने उससे खाना खाने के लिए कहा, लेकिन उसे मना कर दिया बोली चांद देखने के बाद ही खाउंगी. इसके बाद बहन के प्रति प्यार की वजह से भाईयों ने मिलकर एक योजना बनाई है.