नवरात्र के छठे दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप देवी कात्यायनी की पूजा होती है. इसदिन मां दुर्गा की प्रतिमा पंडालों में स्थापित की जाती है. जब पृथ्वी पर महिषासुर नामक राक्षस का अत्याचार काफी बढ़ा हुआ था, तब महिषासुर के सर्वनाश के लिए ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने देवी दुर्गा से मदद मांगी और बाद में अपने तेज से मां कात्यायनी ने पृथ्वी पर आकर महिषासुर का वध किया. इसके बाद से तीनों लोकों में दुर्गा माता के कात्यायनी रूप की पूजा होने लगी.