क्या लोकसभा और राज्यसभा में पास होने के बाद भी रद्द हो सकता है यह कानून?
नागरिकता संशोधन बिल लोकसभा में पास हो चुका है. बुधवार को राज्यसभा में इस बिल को गृह मंत्री अमित शाह पेश करेंगे. अगर वहां भी यह बिल पास हो जाता है तो राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह कानून सरकारी गजट में नोटिफाई होगा. इसके बाद यह कानून की रूप ले लेगा. लेकिन कई कानून के जानकारों के अनुसार इस कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी और वहां यह कानून रद्द भी हो सकता है. जानकारों के मुताबिक इस बिल में संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) अनुच्छेद 15 (कानून के समक्ष सभी बराबर) के तहत इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है. इस विधेयक में धार्मिक आधार पर भेदभाव को साबित करना आसान हो सकता है. यह संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.