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पहलगाम आतंकी हमले में जिपलाइन ऑपरेटर पर सवाल, NIA की पूछताछ, ‘अल्लाह हू अकबर’ नारे का वीडियो वायरल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने एक जिपलाइन ऑपरेटर को पूछताछ के लिए बुलाया है. यह कार्रवाई अहमदाबाद के पर्यटक ऋषि भट्ट के बयान के बाद शुरू हुई. जिन्होंने दावा किया कि हमले के दौरान ऑपरेटर ने गोलीबारी की आवाज सुनते ही 'अल्लाह हू अकबर' के नारे लगाए और जिपलाइन को नहीं रोका. NIA और जम्मू-कश्मीर पुलिस अब ऑपरेटर से इस संदिग्ध व्यवहार के बारे में विस्तृत पूछताछ कर रही है. एक वायरल वीडियो में यह घटना रिकॉर्ड हुई. जिसने जांच को और तेज कर दिया है.

Pahalgam Terror Attack News
inkhbar News
  • April 28, 2025 10:41 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 weeks ago

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने एक जिपलाइन ऑपरेटर को पूछताछ के लिए बुलाया है. यह कार्रवाई अहमदाबाद के पर्यटक ऋषि भट्ट के बयान के बाद शुरू हुई. जिन्होंने दावा किया कि हमले के दौरान ऑपरेटर ने गोलीबारी की आवाज सुनते ही ‘अल्लाह हू अकबर’ के नारे लगाए और जिपलाइन को नहीं रोका. NIA और जम्मू-कश्मीर पुलिस अब ऑपरेटर से इस संदिग्ध व्यवहार के बारे में विस्तृत पूछताछ कर रही है. एक वायरल वीडियो में यह घटना रिकॉर्ड हुई. जिसने जांच को और तेज कर दिया है.

ऋषि भट्ट का चौंकाने वाला खुलासा

आजतक से बातचीत में ऋषि भट्ट ने बताया कि वह मस्ती में वीडियो बना रहे थे जब दोपहर करीब 2:30 बजे फायरिंग की आवाज सुनाई दी. उन्होंने कहा ‘मैंने देखा कि 4 से 5 आतंकी धर्म पूछकर लोगों को गोली से मार रहे थे. जिपलाइन पर जब मैं था तो जिपलाइन ऑपरेटर पहले सामान्य व्यवहार कर रहा था. हालांकि जैसे ही नीचे से फायरिंग की आवाज सुनी, उसने ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगाने लगा.’ ऋषि ने ऑपरेटर के इस व्यवहार पर सवाल उठाते हुए पूछताछ की मांग की थी. जिसके बाद NIA ने तुरंत कार्रवाई शुरू की.

पहलगाम हमले का व्यापक प्रभाव

पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए थे और लश्कर-ए-तैयबा के प्रॉक्सी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ ने इसकी जिम्मेदारी ली. हमले के तार पाकिस्तान से जुड़ने के बाद भारत ने कड़े कदम उठाए. केंद्र सरकार ने 1960 के सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया. जिससे पाकिस्तान में हड़कंप मच गया. इस समझौते के तहत पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों का पानी मिलता है, जो उसकी कृषि, शहरों, और बिजली उत्पादन की रीढ़ हैं. भारत के इस कदम से पाकिस्तान को पानी की भारी कमी और सूखे का डर सता रहा है.

भारत की सैन्य और कूटनीतिक तैयारी

हमले के बाद भारत ने सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर आक्रामक रुख अपनाया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना प्रमुख से सैन्य तैयारियों की समीक्षा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. भारत ने फ्रांस से राफेल मरीन विमानों का सौदा पक्का किया और नौसेना ने INS विक्रांत फ्लीट को अरब सागर में तैनात किया. वहीं पाकिस्तान में आर्मी चीफ आसिम मुनीर की आलोचना तेज हो रही है और पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने युद्ध टालने की सलाह दी है.

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