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यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा कौन हैं? जानिए पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार यूट्यूबर की कहानी

हरियाणा के हिसार की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा एक मशहूर यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं. जिन्होंने अपने ट्रैवल व्लॉग्स के जरिए लाखों लोगों का ध्यान खींचा. उनके यूट्यूब चैनल 'ट्रैवल विद जो' के 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं जबकि इंस्टाग्राम पर @travelwithjo1 हैंडल से 1.32 लाख फॉलोअर्स हैं. ज्योति ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में डिग्री हासिल की. वह अपने वीडियो में देश-विदेश की संस्कृति, भोजन और खास स्थानों को दिखाती हैं. उनके बायो में खुद को "नोमैडिक लियो गर्ल, हरियाणवी + पंजाबी मॉडर्न गर्ल विथ ओल्ड आइडियाज" बताने वाली ज्योति की छवि एक बिंदास ट्रैवलर की थी.

Who Is Jyoti Malhotra
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  • Last Updated: May 17, 2025 20:37:02 IST

Who Is Jyoti Malhotra: हरियाणा के हिसार की रहने वाली ज्योति मल्होत्रा एक मशहूर यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं. जिन्होंने अपने ट्रैवल व्लॉग्स के जरिए लाखों लोगों का ध्यान खींचा. उनके यूट्यूब चैनल ‘ट्रैवल विद जो’ के 3.77 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं जबकि इंस्टाग्राम पर @travelwithjo1 हैंडल से 1.32 लाख फॉलोअर्स हैं. ज्योति ने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में डिग्री हासिल की. वह अपने वीडियो में देश-विदेश की संस्कृति, भोजन और खास स्थानों को दिखाती हैं. उनके बायो में खुद को “नोमैडिक लियो गर्ल, हरियाणवी + पंजाबी मॉडर्न गर्ल विथ ओल्ड आइडियाज” बताने वाली ज्योति की छवि एक बिंदास ट्रैवलर की थी.

पाकिस्तान यात्रा और जासूसी के आरोप

17 मई 2025 को हरियाणा पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को हिसार के न्यू अग्रसेन एक्सटेंशन से गिरफ्तार किया. उन पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के लिए जासूसी करने और भारत की संवेदनशील जानकारी जिसमें सैन्य अभियान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़ी गोपनीय सूचनाएं शामिल हैं. साझा करने का गंभीर आरोप है. ज्योति ने 2023 में कमीशन एजेंटों के जरिए वीजा लेकर पाकिस्तान की यात्रा की थी. इस दौरान उनकी मुलाकात नई दिल्ली में पाकिस्तान हाई कमीशन के कर्मचारी एहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश से हुई. जिसके साथ उनके करीबी संबंध बने. दानिश ने ज्योति को पाकिस्तानी खुफिया एजेंट्स, जैसे अली अहसान और शाकिर उर्फ राणा शहबाज (जिनका नंबर ज्योति ने ‘जट्ट रंधावा’ के नाम से सेव किया था) से मिलवाया.

सोशल मीडिया का दुरुपयोग

ज्योति ने अपने यूट्यूब चैनल और इंस्टाग्राम पर पाकिस्तान के लाहौर, अनारकली बाजार, कटासराज मंदिर और वाघा बॉर्डर जैसे स्थानों के वीडियो और रील्स पोस्ट किए. एक पोस्ट में उन्होंने उर्दू में लिखा ‘इश्क लाहौर’ जो जांच एजेंसियों के लिए अहम सुराग बना. जांचकर्ताओं का कहना है कि ज्योति ने पाकिस्तान की सकारात्मक छवि पेश कर भारतीय दर्शकों को प्रभावित करने की कोशिश की. जो ISI के प्रचार अभियान का हिस्सा था. उनके वीडियो में कश्मीर टूर और क्रिकेट विश्व कप के दौरान भारत-पाकिस्तान मैच पर रिएक्शन वीडियो भी शामिल थे. जिसमें सेना के जवानों को भी फिल्माया गया.

जासूसी नेटवर्क का हिस्सा

ज्योति हरियाणा और पंजाब में फैले एक बड़े जासूसी नेटवर्क का हिस्सा थीं. उनके साथ पंजाब के मलेरकोटला से गजाला, यामीन मोहम्मद, कैथल से देवेंद्र सिंह ढिल्लों और नूंह से अरमान जैसे पांच अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया. यह नेटवर्क व्हाट्सएप, टेलीग्राम, और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स के जरिए पाकिस्तानी एजेंट्स से संपर्क में था. ज्योति पर आरोप है कि उन्होंने सैन्य ठिकानों, सीमावर्ती इलाकों और रणनीतिक स्थानों की जानकारी साझा की. दानिश को 13 मई 2025 को भारत सरकार ने अवांछित व्यक्ति घोषित कर देश छोड़ने का आदेश दिया था.

 

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कानूनी कार्रवाई और पूछताछ

ज्योति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4, और 5 के तहत मामला दर्ज किया गया. गिरफ्तारी के बाद उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया और मामला इकोनॉमिक ऑफेंस विंग को सौंपा गया. पूछताछ में ज्योति ने दानिश और पाकिस्तानी एजेंट्स से संपर्क की बात कबूली. जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल था और क्या ज्योति ने पैसे या अन्य प्रलोभनों के लिए यह काम किया. कुछ रिपोर्ट्स में उनके दानिश के साथ प्रेम संबंधों की भी बात सामने आई है. जिसे सोशल मीडिया पर ‘लव जिहाद’ जैसे दावों से जोड़ा गया हालांकि यह पुष्ट नहीं है.

सोशल मीडिया की आड़ में खतरा

ज्योति की गिरफ्तारी ने यह सवाल खड़ा किया है कि कैसे सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का इस्तेमाल जासूसी और प्रचार के लिए किया जा सकता है. उनके वीडियो जो सतह पर सामान्य ट्रैवल व्लॉग्स लगते थे कथित तौर पर ISI के एजेंडे को बढ़ावा दे रहे थे. यह मामला आधुनिक जासूसी के नए तरीकों को उजागर करता है जहां सामान्य नागरिक और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है.

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