सड़क हादसों में ज्यादातर कोई भी व्यक्ति घायलों की मदद करने में अक्सर कतराता है। आम व्यक्ति का यह मानना है कि पुलिस के चक्कर में कौन पड़े, हज़ारों सवालों का जवाब देना होगा वगेरे ... तो अब घायलों की मदद समय रहते मिले इसके लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अच्छी खासी इनाम राशि देने का ऐलान किया है। जानें कैसे मिलेगा ये इनामी राशि ..
नई दिल्ली : सड़क हादसों में घायलों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने वाले नेक लोगों को केंद्र सरकार इनाम की राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये करेगी। अभी यह राशि 5,000 रुपये है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान यह जानकारी दी। सड़क सुरक्षा के मुद्दे पर अभिनेता अनुपम खेर के साथ इंटरव्यू के दौरान कहा है।
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाने वाले व्यक्ति के लिए मौजूदा इनाम राशि बहुत कम है। आपको बता दें कि अगर सड़क दुर्घटना के 1 घंटे के भीतर पीड़ित को अस्पताल पहुंचा दिया जाए, जिसे गोल्डन ऑवर कहा जाता है, तो उसके बचने की संभावना काफी बढ़ जाती है। केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 से इनाम का प्रावधान शुरू किया था, ताकि लोगों को सड़क दुर्घटना पीड़ितों से राहत मिल सके।
मौजूदा योजना के तहत, सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को पुरस्कार राशि के साथ-साथ मान्यता प्रमाण पत्र भी दिया जाता है। पुरस्कार राशि वास्तविक व्यक्तियों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए बहु-स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया होती है। इसके अलावा, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की नीति कहती है कि केवल वे ही लोग प्रोत्साहन राशि और प्रमाण पत्र प्राप्त करने के पात्र हैं जो घातक दुर्घटना के पीड़ितों की मदद के लिए आगे आते हैं। सार्वजनिक डोमेन में इस बात का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है कि अब तक कितने लोगों ने सड़क दुर्घटना के पीड़ितों की जान बचाने में मदद की है और कितने लोगों को पुरस्कार राशि से सम्मानित किया गया है।
कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ‘कैशलेस ट्रीटमेंट’ योजना की घोषणा की थी, जिसके तहत सरकार सड़क दुर्घटना के पीड़ितों के 7 दिनों के इलाज के लिए 1.5 लाख रुपये तक का खर्च उठाएगी। गडकरी ने कहा कि अगर दुर्घटना की सूचना 24 घंटे के भीतर पुलिस को दी जाती है, तो पीड़ित के इलाज का खर्च सरकार उठाएगी। केंद्रीय मंत्री ने हिट-एंड-रन मामलों में मारे गए पीड़ितों के परिवारों के लिए 2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की भी घोषणा की।
गडकरी ने यह भी कहा था कि सड़क सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता का विषय है। चिंताजनक आंकड़ों का हवाला देते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि 2024 में देश के विभिन्न हिस्सों में सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.80 लाख लोगों की जान चली गई। इनमें से 30,000 मौतें हेलमेट न पहनने के कारण हुईं। उन्होंने कहा- दूसरी गंभीर बात यह है कि 66% दुर्घटनाओं में 18 से 34 वर्ष की आयु के लोग शामिल थे। गडकरी ने स्कूल और कॉलेजों के पास प्रवेश और निकास बिंदुओं पर अपर्याप्त व्यवस्था के कारण सड़क दुर्घटनाओं में 10,000 बच्चों की मौत पर भी प्रकाश डाला।
कई मामलों में देखा गया है कि हिट एंड रन मामले में पुलिस को कोई गवाह नहीं मिल पाता। ऐसे में पुलिस उस व्यक्ति को गवाह बनाने की कोशिश करती है जिसने पुलिस को फोन करके घटना की जानकारी दी। सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने के बजाय लोग कानूनी पचड़े में पड़ने से बचने के लिए पुलिस को फोन करने या उनकी मदद करने से बचते हैं। कई मौकों पर पुलिस मदद करने वाले व्यक्ति को काउंटर केस में फंसाने की धमकी देकर उसे गवाह बनने के लिए मजबूर करने की कोशिश भी करती है।
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