श्रीनगर/नई दिल्ली: तारीख-7 जुलाई 2016, जगह- जम्मू-कश्मीर का बमडूरा गांव. सेना को एक लोकल मुखबिर से जानकारी मिलती है कि इस गांव के एक मकान में हिजबुल कमांडर बुरहान वानी छिपा हो सकता है. इसके बाद सेना के 100 और पुलिस के करीब 40 जवानों ने कोकरनाग के पूरे इलाके को डबल लेयर में घेर लिया. इस दौरान बुरहान वानी और साथी आतंकवादी परवेज और सरताज ने अंधुाधुंध गोलीबारी करनी शुरू कर दी.
इस बीच जवाबी कार्रवाई में सबसे पहले बुरहान को गोली लगती है और वह मौके पर ही ढेर हो जाता है. फिर परवेज और सरताज भी सुरक्षाबलों की गोली का शिकार हो गए. महज 15 मिनट के अंदर ही सेना और पुलिस ने मिलकर इस ऑपरेशन को पूरा कर लिया. इस दौरान घाटी में आतंक का सबसे बड़ा चेहरा बनने की ओर बढ़ रहे बुरहान वानी का खात्मा हो गया.
बाद में सेना के अधिकारियों ने अनौपचारिक बातचीत में बताया था कि उन्हें एक कसाई से बुरहान की लोकेशन की टिप मिली थी. दरअसल कसाई ने बताया था कि गांव के उस मकान में दावत के लिए काफी सारा मीट गया है. इस दौरान इंटलिजेंस को घर के मालिक की रिश्तेदार से हुई बातचीत भी पता चली. इसमें घर मालिक कहता है कि मुसीबत आई हुई है. पूरी तरह के कन्फर्म होने के बाद सेना और पुलिस ने मिलकर बुरहान को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया.