नई दिल्ली. भारतीय स्टेट बैंक, एसबीआई अपने व्यक्तिगत बैंकिंग पोर्टफोलियो के तहत ग्राहकों के लिए विभिन्न योजनाएं प्रदान करता है. ऐसी ही एक योजना है एसबीआई की फ्लेक्सी डिपॉजिट स्कीम. ये एक आवर्ती जमा यानि रेकरिंग डिपॉजिट, आरडी के समान है. इसमें ग्राहक हर बार अलग राशि की रकम जमा कर सकते हैं. एसबीआई की आधिकारिक वेबसाइट sbi.co.in के अनुसार इस स्कीम के लिए नाबालिग ये लेकर सभी निवासी व्यक्तिगत ग्राहक योग्य हैं. इसे देश भर में एसबीआई की किसी भी शाखा से लिया जा सकता है. ग्राहकों के लिए इस फ्लेक्सी डिपॉजिट स्कीम में जमा करने की निर्धारित रकम, टैक्स के लिए इसके नियम से लेकर उसके अन्य नियमों के बारे में जानने के लिए कुछ महत्वपूर्ण जानकारी नीचे दी गई है.
- निवेश के लिए निर्धारित रकम सीमा: 500 रुपये की न्यूनतम किस्त के साथ फ्लेक्सी डिपॉजिट खाता खोला जा सकता है. इसमें एक वित्तीय वर्ष में 5,000 रुपये जमा करने होंगे. इसमें अधिकतम 50,000 रुपये राशि जमा की जा सकती है.
- मैच्योरिटी समय: इस स्कीम की मैच्योरिटी न्यूनतम पांच साल और अधिकतम सात साल के लिए होती है.
- मैच्योरिटी से पहले रकम निकालना: इसमें समय से पहले रकम निकालने की सुविधा है. 5 लाख रुपये तक जमा रकम पर पहले निकासी के लिए 0.50 प्रतिशत जुर्माना देना होता है. 5 लाख से ज्यादा वालों को 1 प्रतिशत जुर्माना देना होता है. हालांकि, सात दिनों से कम की अवधि के लिए बैंक के पास रखी गई जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाता है.
- ब्याज दर: इसमें फिक्सड डिपॉजिट की ही ब्याज दर लागू होती है. ग्राहकों को 6.25 प्रतिशत ब्याज मिलता है. हालांकि एसबीआई कर्मचारियों और पेंशनरों के लिए 1 प्रतिशत अधिक ब्याज दर है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए 0.50 प्रतिशत अधिक ब्याज दर है.
- टैक्स के लिए नियम: टीडीएस या टैक्स कटौती आयकर नियमों के अनुसार लागू होती है. हालांकि, टैक्स कटौती से छूट पाने के लिए फॉर्म 15जी/ एच को प्रस्तुत किया जा सकता है.
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