दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 70 में से 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. वह 70 सदस्यीय विधानसभा में लगातार तीसरी बार अपना खाता खोलने में विफल रही है. कांग्रेस के वोट शेयर में 2.1% का सुधार हुआ है.
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 70 में से 67 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. वह 70 सदस्यीय विधानसभा में लगातार तीसरी बार अपना खाता खोलने में विफल रही है. कांग्रेस के वोट शेयर में 2.1% का सुधार हुआ है. जबकि उनके कई प्रमुख नेताओं को करारी हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि वह लोगों का विश्वास दोबारा जीतेंगे और 2030 में अपनी सरकार बनाएंगे.
दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का एक बार फिर सफाया हो गया. पार्टी के ज्यादातर उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई. कांग्रेस के केवल तीन उम्मीदवार ही अपनी जमानत बचाने में सफल रहे. जिसमें कस्तूरबा नगर से अभिषेक दत्त दूसरे नंबर पर रहने वाले एकमात्र कांग्रेस नेता हैं. इस सूची में नांगलोई जाट से रोहित चौधरी और बादली से देवेंद्र यादव शामिल हैं. कांग्रेस के ज्यादातर उम्मीदवार बीजेपी या आप के बाद तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन कुछ सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार एआईएमआईएम उम्मीदवारों से भी पीछे रह गए. जिसमें मुस्लिम बहुल इलाके भी शामिल हैं.
कांग्रेस के वोट शेयर में मामूली सुधार से आप आदमी पार्टी को भारी नुकसान हुआ है. कांग्रेस आप का खेल बिगाड़ने में कामयाब रही, जिसे अनुसूचित जाति और मुस्लिम बहुल इलाकों में भारी नुकसान उठाना पड़ा, जहां कांग्रेस को आप की कीमत पर मामूली लाभ हुआ और भाजपा को फायदा हुआ. चुनाव में AAP के वोट शेयर में 10% की गिरावट आई है. आम आदमी पार्टी को 43.19 फीसदी वोट मिले, जबकि 2020 के चुनाव में उसे 53.6 फीसदी वोट शेयर मिला. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के वोट शेयर में 2.1 फीसदी का सुधार हुआ है, लेकिन ये वोट शेयर सीटों में तब्दील नहीं हो सका.
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