नई दिल्ली. राफेल सौदे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर का हवाले देते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमले किए. दरअसल अखबार ने अपनी खबर में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस सौदे की घोषणा करने से ठीक दो हफ्ते पहले अनिल अंबानी फ्रांस के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से मिले थे, जिसके बाद उन्होंने अपनी कंपनी रिलायंस डिफेंस की शुरुआत की थी. अनिल अंबानी की इस कंपनी को सौदे में भागीदार बनाया गया है जिसे लेकर कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमलावर हैं. मंगलवार को राहुल गांधी ने कहा कि यदि अनिल अंबानी फ्रांस के अधिकारियों से मिले थे तो सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कार्रवाई होनी चाहिए.
राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी वही कर रहे हैं जो एक जासूस करता है. वह रक्षा मामलों की जानकारी दूसरों को दे रहे हैं. पीएम मोदी पर बिजनेसमैन अनिल अंबानी के बहाने निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने कहा कि पीएम मोदी अनिल अंबानी के मिडलमैन की तरह काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राफेल डील से पहले अनिल अंबानी फ्रांस के रक्षा मंत्री से मिलते हैं और इसपर बात करते हैं. पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने रफाल सौदे पर मंगलवार को संसद में पेश होने की संभावना से पहले कैग की रिपोर्ट पर भी सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट बेकार है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि यह नरेंद्र मोदी रिपोर्ट है जो कि चौकीदार के लिए, चौकीदार द्वारा बनाई गई हैं. राहुल गांधी ने सीएजी रिपोर्ट को चौकीदार ऑडिटर जनरल रिपोर्ट बताया.
राहुल गांधी अपनी बात दोहराते हुए कहा एक ओर प्रधानमंत्री सौदे की घोषणा कर रहे थे लेकिन विदेश मंत्रालय को इस सौदे की जानकारी नहीं थी और न ही कैबिनेट को भी सौदे के बारे में जानकारी नहीं है. उन्होंने एक बार फिर आरोप लगाया कि मोदी-अंबानी लिमिडेट इस सौदे को सीधे हस्तक्षेप कर रहे थे. उन्होंने यह भी कहा प्रधानमंत्री द्वारा सीधे इस सौदे को लेकर हस्तक्षेप से किए जाने से उनके कारोबारी मित्र अनिल अंबानी को 30 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचा है. राहुल गांधी का यह भी कहना था नरेंद्र मोदी ने सौदे से भ्रष्टाचार की धाराएं हटा दिए थे. इसके साथ ही सौदे से सॉवरेन गारंटी भी हटा दी थी जो कि भारत के हित में नहीं है.
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