लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने iPhone को लेकर एक बयान दिया, जिससे चर्चा का नया दौर शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि जो iPhone हम उपयोग करते हैं, वह 'मेड इन इंडिया' नहीं बल्कि 'असेंबल इन इंडिया' है...
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने iPhone को लेकर एक बयान दिया, जिससे चर्चा का नया दौर शुरू हो गया। उन्होंने कहा कि जो iPhone हम उपयोग करते हैं, वह ‘मेड इन इंडिया’ नहीं बल्कि ‘असेंबल इन इंडिया’ है। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि अधिकांश iPhone चीन में बनते हैं, इसलिए सरकार को असेंबली पर नहीं, बल्कि भारत में उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए।
अब सवाल यह उठता है कि क्या वाकई iPhone भारत में नहीं बनते? और यदि बनते हैं, तो कौन सी कंपनियां इन्हें बनाती हैं? भारत में किस स्थान पर ये प्लांट लगाए गए हैं और iPhone से भारत को कितने फायदे मिल रहे हैं? चलिए इसे विस्तार से समझते हैं।
राहुल गांधी की बात में कुछ सच्चाई है। दरअसल, iPhone की पूरी मैन्युफैक्चरिंग भारत में नहीं होती। भारत में विभिन्न देशों से iPhone के पार्ट्स मंगाए जाते हैं और उन्हें असेंबल किया जाता है। इसका मतलब यह है कि iPhone ‘मेड इन इंडिया’ नहीं, बल्कि ‘असेंबल इन इंडिया’ होता है। पहले Apple का उत्पादन केंद्र चीन था, लेकिन अब यह धीरे-धीरे भारत की ओर शिफ्ट हो रहा है। भविष्य में यह संभव है कि iPhone के पुर्जों का निर्माण भी भारत में होने लगे।
1. फॉक्सकॉन: यह ताइवानी कंपनी तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में iPhone असेंबल करती है।
2. पेगेट्रॉन कॉर्पोरेशन: पेगेट्रॉन ने तमिलनाडु के चेन्नई में एक असेंबली यूनिट स्थापित की है।
3. विस्ट्रोन कॉर्पोरेशन: पहले यह ताइवानी कंपनी थी, जिसे अब भारत के टाटा समूह ने अधिग्रहित कर लिया है। इसका प्लांट कर्नाटक के बेंगलुरु में स्थित है।
हालांकि, इन कंपनियों के असेंबली प्लांट भारत में हैं, लेकिन इनकी असली निर्माण इकाइयाँ चीन में स्थित हैं। भारत सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत इन कंपनियों को भारत में उत्पादन इकाइयाँ स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
iPhone 12, 13, 14, 15 और 16 के कुछ मॉडल भारत में असेंबल किए जा रहे हैं, हालांकि इनका पूरा निर्माण भारत में नहीं हो रहा है। अक्टूबर 2024 में आई एक रिपोर्ट में कहा गया कि Apple iPhone 16 सीरीज को पूरी तरह से भारत में बनाने पर विचार कर रहा है। यदि ऐसा होता है, तो यह पहली बार होगा जब iPhone का कोई मॉडल चीन से बाहर पूरी तरह से भारत में बनेगा।
Apple का चीन से भारत में उत्पादन शिफ्ट करने का कदम मुख्य रूप से अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण लिया गया। Apple का लक्ष्य अगले साल तक भारत में अपने iPhone उत्पादन को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना है।
iPhone के पुर्जे कहां बनते हैं?
सेमीकंडक्टर चिप्स: ताइवान की कंपनी TSMC
डिस्प्ले: दक्षिण कोरिया की सैमसंग और एलजी
मेमोरी चिप: एसके हाइनिक्स (दक्षिण कोरिया) और तोशिबा (जापान)
कैमरा: जापान की सोनी
अन्य पुर्जे: जर्मनी, अमेरिका, चीन समेत कई देशों से आते हैं।
भारत में किसी उत्पाद को ‘मेड इन इंडिया’ टैग मिलने के लिए सिर्फ असेंबली ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि उसे सरकारी मानकों पर खरा उतरना जरूरी है। इसके लिए 35-50 प्रतिशत स्थानीय मूल्य संवर्धन जरूरी है। अगर भारत में केवल आयातित पार्ट्स जोड़े जाते हैं, तो इसे ‘असेंबल इन इंडिया’ माना जाता है, जबकि ‘मेड इन इंडिया’ टैग तब मिलेगा जब निर्माण की अधिकांश प्रक्रिया भारत में की जाती है।
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