नई दिल्ली. देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार के अध्यादेश पर मुहर लगा दी है. केंद्र सरकार का यह अध्यादेश अब देशभर में कानून के रूप में लागू गया है. महामारी रोग अध्यादेश 2020 कानून को मंजरी मिलती है स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला गैर जमानती अपरधा हो गया है. साथ ही अगर हमला होता है तो उस मामले की जांच 30 दिन में होगी और एक साल में दोषियों को सजा भी दी जाएगी.
सजा की अवधि अपराध के अनुसार 3 महीने से लेकर 5 साल तक हो सकती है. इसके साथ ही 50 हजार रुपये लेकर 2 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. वहीं अगर डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ पर बेहद गंभीर हमला किया गया तो उसकी सजा बढ़कर 7 साल भी की जा सकती है. केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद 1897 से चले आ रहे महामारी कानून में पहली बार बदलाव हुआ.
बता दें कि कोरोना वायरस के मद्देनजर देश में लॉकडाउन है. ऐसे में देश के कई हिस्सों में लोगों की मदद के लिए पहुंची मेडिकल टीमों पर हमले की खबर सामने आ चुकी हैं. मेडिकल एसोशिएसन भी इस बाबत नाराजगी जताते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस महामारी में डॉक्टर्स की सुरक्षा को लेकर पत्र लिख चुका था.
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