राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी और कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन सुशासन स्थापित करने में कारगर साबित होगा।
नई दिल्ली : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 76वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने सभी देशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि 75 साल पहले 26 जनवरी को भारत का संविधान लागू हुआ था। करीब 3 साल के विचार-विमर्श के बाद संविधान सभा ने 29 नवंबर 1949 को संविधान को अपनाया था जिसे संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति देशवासियों को संबोधित करती हैं और शुभकामनाओं के साथ देश की एकता, अखंडता और विकास के लिए संदेश देती हैं. उन्होंने अपने संबोधन में वन नेशन वन इलेक्शन को सुशासन के लिए जरूरी बताया.
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक भारत को ज्ञान और बुद्धि का उद्गम स्थल माना जाता था, लेकिन भारत को एक अंधकारमय दौर से भी गुजरना पड़ा। आज हम सबसे पहले उन वीर योद्धाओं को याद करते हैं जिन्होंने देश को आजाद कराने के लिए सबसे बड़ी कुर्बानी दी। इस साल हम भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मना रहे हैं।
देश ने विश्व व्यवस्था में उचित स्थान पाया है। बाबा साहब ने देश को एक मजबूत संविधान दिया। न्याय हमारी संस्कृति का अभिन्न अंग है। हमारा देश भाग्यशाली था कि यहां महात्मा गांधी थे। संविधान सभा में सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व था। नैतिकता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण तत्व है।
राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आगे कहा कि देश में विकास की यह गति भविष्य में भी जारी रहेगी। भारत का आर्थिक विकास तेजी से हुआ है। महिलाएं और बच्चे विकास के केंद्र में हैं। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी भारत का कद बढ़ा है। देश में ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोगों के समग्र विकास के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। सड़कों और बंदरगाहों का तेजी से विकास हो रहा है। बिजली क्षेत्र में नई तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डीबीटी के जरिए लोगों को काफी फायदा हुआ है। इससे व्यवस्था में पारदर्शिता भी बढ़ी है।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के किसानों ने कड़ी मेहनत की है और देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है। उन्होंने कहा, “हमारे किसान भाई-बहनों ने कड़ी मेहनत की है और हमारे देश को खाद्यान्न उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया है। हमारे श्रमिक भाई-बहनों ने अथक परिश्रम किया है और हमारे बुनियादी ढांचे और विनिर्माण क्षेत्र को बदल दिया है। उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के बल पर, आज भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया के आर्थिक परिदृश्य को प्रभावित कर रही है।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत की आर्थिक विकास दर आसमान छू रही है। उन्होंने कहा, “हाल के वर्षों में, आर्थिक विकास की दर लगातार उच्च रही है, जिससे हमारे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं, किसानों और मजदूरों के हाथों में अधिक पैसा आया है और बड़ी संख्या में लोग गरीबी से बाहर निकले हैं। साहसिक और दूरदर्शी आर्थिक सुधारों के बल पर, प्रगति की यह गति आने वाले वर्षों में जारी रहेगी।”
राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता सेनानियों को किया याद.
भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की झलक हमारे संविधान में दिखती है।
प्रयागराज महाकुंभ समृद्ध विरासत की प्रभावी अभिव्यक्ति ।
बाबा साहब ने देश को एक मजबूत संविधान दिया।
भारत में महिलाओं का महत्वपूर्ण योगदान।
महिलाएं और बच्चे विकास के केंद्र में हैं।
संविधान सभा में सभी समुदायों का प्रतिनिधित्व।
नैतिकता हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण तत्व है।
संविधान हमारे देश को एकजुट करता है।
संविधान हमारी सामूहिक पहचान का आधार है।
भारत दुनिया की एक महत्वपूर्ण आर्थिक शक्ति है।
भारत का आर्थिक विकास तेजी से हुआ है।
आज का भारत दुनिया का नेतृत्व कर रहा है।
आर्थिक योजनाएं समावेशी विकास को ताकत देती हैं।
हर वर्ग के विकास के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं।
एक देश एक चुनाव से देश के शासन में निरंतरता आएगी, सुशासन प्रभावी होगा।
शास्त्रीय भाषाओं में शोध कार्यों को बढ़ावा मिलेगा।
शिक्षा की गुणवत्ता में बदलाव आया है, डिजिटल शिक्षा के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं, छात्रों के प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है।
शिक्षा से ही युवा प्रतिभा में निखार आता है।
इसरो ने देश को गौरवान्वित किया।
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