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65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड PM मोदी ने बांटे, UN ने गरीबी हटाने के लिए प्रॉपर्टी राइट्स की चर्चा, 2 करोड़ दस्तावेज दिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि यह दिन गांवों और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है...

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Narendra Modi
  • January 18, 2025 7:54 pm Asia/KolkataIST, Updated 4 weeks ago

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में 65 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्ड वितरित किए। इस अवसर पर वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए, पीएम मोदी ने कहा कि यह दिन गांवों और अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि 5 साल पहले इस योजना की शुरुआत की गई थी, ताकि ग्रामीणों को उनके घर का कानूनी प्रमाण मिल सके।

प्रॉपर्टी राइट्स की समस्या रही है

प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में प्रॉपर्टी राइट्स की समस्या रही है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए गए एक अध्ययन में यह सामने आया था कि कई देशों में लोगों के पास अपनी संपत्ति के पक्के दस्तावेज नहीं होते। संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा था कि गरीबी कम करने के लिए लोगों को प्रॉपर्टी राइट्स देना आवश्यक है। इस योजना के अंतर्गत, अब तक लगभग 2.25 करोड़ ग्रामीणों को उनके घर का कानूनी दस्तावेज प्रदान किया गया है। पहले, लाखों-लाख करोड़ की संपत्ति होने के बावजूद, लोगों के पास कानूनी प्रमाण नहीं थे, जिससे उनकी संपत्ति की कोई कीमत नहीं थी। अब, 100 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की आर्थिक गतिविधियों के लिए रास्ते खुल गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम में वर्चुअल रूप से भाग लिया, जबकि केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकारों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए।

मोदी की स्पीच की मुख्य बातें

1. पहले गांवों में संपत्ति विवाद होते थे और दबंग लोग इन पर कब्जा कर लेते थे। बिना कानूनी दस्तावेज के बैंक भी लोन देने से इनकार करते थे। 2014 में जब सरकार बनी, तो यह तय किया गया कि इस समस्या को हल किया जाएगा।

2. ड्रोन तकनीक के माध्यम से देशभर के गांवों में संपत्तियों की मैपिंग की गई और कानूनी दस्तावेजों का वितरण शुरू हुआ।

3. इस योजना से दलित, पिछड़े और आदिवासी परिवारों को सबसे ज्यादा लाभ हुआ है, जिन्होंने लंबे समय तक कब्जों और कानूनी विवादों का सामना किया था।

4. इस पहल के माध्यम से 100 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक गतिविधियां अब संभव हो पाई हैं। इससे भूमि की पहचान भी स्पष्ट हो गई है और 23 करोड़ भू-आधार नंबर जारी किए गए हैं।

5. 98 प्रतिशत लैंड रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण हो चुका है।

 

स्वामित्व योजना के बारे में

स्वामित्व योजना, जिसे “सर्वे ऑफ विलेजेस एंड मैपिंग विद इम्प्रोवाइज्ड टेक्नोलॉजी इन विलेजेस एरिया” के नाम से जाना जाता है, 2021 में शुरू की गई थी। इस योजना के तहत ड्रोन तकनीक से संपत्तियों का सर्वे किया जाता है और उनके मालिकों को एक कार्ड प्रदान किया जाता है। यह योजना 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जा चुकी है। इस कार्ड के जरिए लोगों को अपनी संपत्ति का कानूनी हक मिल जाता है और बैंक से लोन लेने में आसानी होती है। अब तक 3 लाख से अधिक गांवों का सर्वे पूरा किया जा चुका है और 1.44 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड वितरित किए जा चुके हैं।

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