नई दिल्ली. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने मंगलवार को बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर कहा कि जीडीपी की कोई प्रासंगिकता नहीं है, भगवान भारत की अर्थव्यवस्था को बचाएं. दरअसल कराधान कानून संशोधन विधेयक पर लोकसभा में एक चर्चा में भाग लेने और एक ही कानून पर अध्यादेश को रद्द करने के एक वैधानिक प्रस्ताव पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की कोई प्रासंगिकता नहीं है और इसे ‘बाइबल, रामायण और महाभारत’ के रूप में नहीं माना जाना चाहिए. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सोमवार को उनकी इस टिप्पणी पर दुबे और बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा था कि भगवान न्यू इंडिया के नौसिखिए अर्थशास्त्रियों से लोगों को बचाएं.
वहीं निशिकांत दुबे की इस टिप्पणी पर ट्वीट करके भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा, जीडीपी संख्या अप्रासंगिक है. व्यक्तिगत कर में कटौती की जाएगी, आयात शुल्क बढ़ाया जाएगा. ये भाजपा के सुधार करने के विचार हैं. भगवान भारत की अर्थव्यवस्था को बचाएं. दरअसल लोकसभा को संबोधित करते हुए, निशिकांत दुबे ने जोर देकर कहा कि जीडीपी संख्या की तुलना में एक आम आदमी का सतत विकास और खुशी अधिक महत्वपूर्ण है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार जुलाई-सितंबर 2019 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत से अधिक रहने पर भाजपा सांसद के जीडीपी संख्या को खारिज करने का बयान दिया. निशिकांत दुबे ने कहा, जीडीपी 1934 में आया, इससे पहले कोई जीडीपी नहीं था. केवल जीडीपी को बाइबिल, रामायण या महाभारत मान लेना सत्य नहीं है और भविष्य में जीडीपी का कोई बहुत ज्यादा उपयोग भी नहीं होगा. बता दें कि शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2019 में भारत की जीडीपी वृद्धि छह साल के निचले स्तर 4.5 प्रतिशत से अधिक रही, जो मुख्य रूप से विनिर्माण उत्पादन और मंदी के दौर में घटी है.
Also read, ये भी पढ़ें: BJP MP Nishikant Dubey on GDP Downfall: देश की गिरती विकास दर पर लोकसभा में बोले बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे- GDP को रामायण-महाभारत और बाइबल मान लेना सत्य नहीं