प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का आनंद उठाया. इसके बाद उन्होंने गिर के मुख्यालय सासण गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार, 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस के अवसर पर गुजरात के जूनागढ़ जिले में स्थित गिर वन्यजीव अभयारण्य में जंगल सफारी का आनंद उठाया। वहीं अब इसकी तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रही है. पहले रविवार को उन्होंने सोमनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की और रात का विश्राम सासण स्थित वन अतिथि गृह ‘सिंह सदन’ में किया।
सोमवार सुबह प्रधानमंत्री जंगल सफारी के लिए रवाना हुए, जहां उनके साथ कुछ केंद्रीय मंत्री और वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। इसके बाद उन्होंने गिर के मुख्यालय सासण गिर में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड (NBWL) की सातवीं बैठक की अध्यक्षता की। इस बोर्ड में सेना प्रमुख, विभिन्न राज्यों के सदस्य, वन्यजीव संरक्षण से जुड़े गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि, मुख्य वन्यजीव वार्डन और राज्यों के सचिव सहित कुल 47 सदस्य शामिल हैं। वहीं बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने महिला वन कर्मचारियों से भी संवाद किया।
PM Narendra Modi visits Gir National Park in Gujarat pic.twitter.com/dC9sk9wQIB
— ANI (@ANI) March 3, 2025
सरकार की ओर से जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार, केंद्र सरकार ने एशियाई शेरों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए प्रोजेक्ट लॉयन के तहत 2,900 करोड़ रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत की है। गुजरात, एशियाई शेरों का एकमात्र प्राकृतिक आवास है, जहां वर्तमान में ये नौ जिलों के 53 तालुकाओं में लगभग 30,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं।
#WATCH PM Narendra Modi visits Gir National Park and Wildlife Sanctuary in Gujarat pic.twitter.com/0GYTmfItcE
— ANI (@ANI) March 3, 2025
इसके अलावा जूनागढ़ जिले के न्यू पिपल्या में 20.24 हेक्टेयर भूमि पर वन्यजीवों के चिकित्सा निदान और रोग से बचाव के लिए एक ‘राष्ट्रीय रेफरल केंद्र’ स्थापित किया जा रहा है। सरकार गिर में वन्यजीव निगरानी के लिए उच्च तकनीक से लैस निगरानी केंद्र और एक अत्याधुनिक अस्पताल भी बना रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को जामनगर स्थित रिलायंस रिफाइनरी परिसर में बने पशु बचाव, संरक्षण और पुनर्वास केंद्र वनतारा का दौरा भी किया। यह केंद्र विशेष रूप से बंदी हाथियों और अन्य वन्यजीवों की देखभाल, पुनर्वास और चिकित्सा सहायता के लिए समर्पित है। यह पहल पशुओं के कल्याण को प्राथमिकता देते हुए शोषण और दुर्व्यवहार से बचाए गए जीवों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करती है।
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