नई दिल्ली। सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने आज देश के नए सीडीएस के रूप में कार्यभार संभाल लिया। जनरल बिपिन रावत के बाद वह ये पद संभालने वाले दूसरे व्यक्ति हैं। पदभार संभालने के बाद सीडीएस चौहान ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों में सर्वोच्च रैंक की जिम्मेदारी मिलने पर मुझे गर्व है। मैं चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के रूप में देश के तीनों रक्षा बलों की अपेक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करूंगा। हम मिलकर सभी चुनौतियों और कठिनाइयों का सामना करेंगे।
बता दें कि लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान के पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ रहने के दौरान पूर्वोत्तर में उग्रवाद में बहुत काफी कमी आई थी, जिसके परिणाम स्वरुप कई पूर्वोत्तर राज्यों में सेना की तैनाती में भी कमी आई। बीते साल मई में जनरल अनिल चौहान सेवानिवृत्त हुए थे।
लेफ्टिनेंट जनरल चौहान बतौर डीजीएमओ ऑपरेशन सनराइज के मुख्य शिल्पी थे, जिसके तहत भारतीय और म्यांमार सेना ने दोनों देशों की सीमाओं के पास उग्रवादियों के विरूद्ध व्यापक अभियान चलाया था, इस अभियान में भारत को सफलता भी मिली थी। जनरल चौहान सेना में कई अहम पदों पर काम कर चुके हैं, इसके साथ ही वह अंगोला में संयुक्त राष्ट्र शांतिवाहिनी मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक भी रह चुके हैं।
बता दें कि अनिल चौहान बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना से भी जुड़े थे, सर्जिकल स्ट्राइक में उनका बहुत बड़ा योगदान था। पूर्वी कमान ने जनरल चौहान के नेतृत्व में भारत-चीन सीमा पर राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में अपना अभूतपूर्व साहस दिखाया था। इस नियुक्ति पर देश की नजर थी क्योंकि सीडीएस को ही तीनों सेनाओं को एकीकृत कमांड के तहत लाने की जिम्मेदारी दी गई थी।
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