November 11, 2024
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रतन टाटा के निधन से गम में डूबे पड़ोसी, बात करने के लिए आते थे…

रतन टाटा के निधन से गम में डूबे पड़ोसी, बात करने के लिए आते थे…

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नई दिल्ली: अब हमारे बीच रतन टाटा नहीं रहे हैं, उन्होंने 86 साल की उम्र में अंतिम सांस ली और अपने चाहने वालों को गम में डाल कर चले गए, उनके जाने से पूरा देश गम में हैं. रतन टाटा एक उद्योगपति से ज्यादा मानववादी इंसान थे, वो सफलता के 7वें आसमान पर थे, लेकिन उनका रिश्ता अमीर-गरीब सबके साथ एक जैसा था. वहीं रतन टाटा के निधन पर उनके मुंबई पड़ोसी उन यादों को शेयर कर रहे हैं जो उन्होंने रतन टाटा के साथ बातचीत की थीं

गम में डूबे पड़ोसी

इसमें रतन टाटा के एक पड़ोसी ने लिखा कि वो जमीन से जुड़े बेहतर इंसान थे वो अपने पड़ोस के बच्चों से बात करने के लिए आते थे और बहुत देर तक रुकते थे. वहीं रतन टाटा के कोलाबा पड़ोसन ने लिखा कि जब मैं कोलाबा में रहती थी तो वो अपने दो डॉग्स के साथ शाम के समय में हमेशा वॉक पर जाते थे, वो जब भी मुझे देखते थे तो रोककर बात करते थे. रतन टाटा के दूसरे पड़ोसी अभिषेक देशपांडे ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए लिखा है कि यह 20 साल पुरानी बात है मॉर्निंग वॉक के दौरान जब उन्होंने मुझे देखा तो बहुत देर तक मुझसे बात की, जो मेरे लिए बहुत सुखद पल है, वो यूनाइटेड सर्विस क्लब में अपने डॉग्स के साथ रोजाना वॉक पर जाया करते थे.

रतन टाटा के तीसरे पड़ोसी देभर्गा अंबूले ने उनके साथ बिताए पलों को याद करते हुए लिखा है कि क्या शख्सियत से थे वो, मैंने कोलाबा में पहली बार उन्हें देखा था, वो मर्सिडीज से उतरे और बिल्डिंग की तरफ देख रहे थे, कोई सिक्योरिटी भी नहीं और लोग उन्हें देख हैरान हो रहे थे, आपकी आत्मा को शांति मिले.

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