नई दिल्ली: देश को आधार जैसा मजबूत पहचान पत्र देने वाले नंदन नीलेकणि अब बिजली क्षेत्र में क्रांति लाने की तैयारी में हैं. इंफोसिस के सह-संस्थापक ने कहा कि वह बिजली लेनदेन में बदलाव लाने के लिए एक सिस्टम बनाने में जुटे हैं. उनका यह सिस्टम रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर के लिए तैयार किया जा रहा है। नंदन नीलेकणि को लगता है कि भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का भविष्य उज्ज्वल है। यहां AI का इस्तेमाल बेहद दिलचस्प तरीके से किया जाएगा.
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, नंदन नीलेकणि ने बेंगलुरु में ज्वेन्डे के एक कार्यक्रम में कहा कि अभी तक एक ही जगह पर बड़े प्लांट के जरिए बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. इसके बाद इसके वितरण के लिए दरें तय की जाती हैं. उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में तेजी से बदलाव होगा. आने वाले समय में हर घर में बैटरी, फोर व्हीलर बैटरी और रूफटॉप सोलर होगा। दिन में बिजली सस्ती होती है. रात को महंगा होने पर बेच देंगे.
नंदन नीलेकणि के मुताबिक अब हर व्यक्ति अपनी बिजली खुद बनाना चाहता है. ऐसे में आपको एक अलग तरह के सिस्टम की जरूरत पड़ने वाली है. हमने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. वह बेकन प्रोटोकॉल का भी समर्थन कर रहे हैं. इसमें एपीआई, डेटा मॉडल, संदर्भ वास्तुकला, लेनदेन तंत्र और वैश्विक मानक शामिल हैं. भारत का ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) और नम्मा यात्री भी बीकन प्रोटोकॉल का समर्थन करते हैं.
इंफोसिस के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी ने कहा कि देश में कई भाषाएं हैं. ऐसे में देश में AI का इस्तेमाल अलग तरीके से किया जाएगा. भाषा में AI का उपयोग करके हम लोगों के जीवन को आसान बना सकते हैं। वह फोन पर अपनी भाषा में बात करके कहीं से भी कुछ भी खरीद सकता है। साथ ही, आप बिना किसी परेशानी के देश भर में यात्रा कर सकते हैं. नंदन नीलेकणी ने कहा कि सर्वम एआई स्टार्टअप लैंग्वेज मॉडल पर अच्छा काम कर रहा है.