नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। केंद्र सरकार ने आतंकवाद की जननी पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए 5 बड़े फैसले लिए हैं। इन फैसलों में वाघा बॉर्डर को बंद करना, दूतावास बंद करना और पाकिस्तानी नागरिकों का वीजा रद्द करने जैसा फैसला शामिल है। इसके अलावा एक और बड़ा फैसला जो केंद्र सरकार ने लिया है वो है सिंधु जल समझौते को रोकने का। आइए जानते हैं कि ये सिंधु जल समझौता क्या है….
बता दें कि सिंधु जल समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर 1960 को हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए पाकिस्तान गए थे। इस समझौते के तहत छह प्रमुख नदियों-ब्यास, रावी, सतलुज, सिंधु, चिनाब और झेलम के जल बंटवारे के नियम तय किए गए थे।
भारत को पूर्वी नदियों- ब्यास, रावी, सतलुज के जल का पूर्ण उपयोग करने का अधिकार मिला। वहीं पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों- सिंधु, चिनाब, झेलम के जल का पूरा उपयोग करने की अनुमति दी गई। भारत को भी इन नदियों का सीमित उपयोग सिंचाई, परिवहन और जलविद्युत उत्पादन के लिए करने की छूट मिली थी। बता दें कि यह समझौता विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुआ था और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच जल विवाद को सुलझाना था।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 26 हिंदू और एक मुस्लिम समेत 27 लोगों की मौत हो गई। जबकि 20 से ज्यादा लोग घायल हो गए। बता दें कि यह हमला उस वक्त हुआ जब बैसरन घाटी में बड़ी तादाद में पर्यटक मौजूद थे। आतंकी हमले में मारे गए लोगों में यूपी, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के लोग शामिल हैं। नेपाल और UAE के एक-एक टूरिस्ट भी मारे गए हैं।
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