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महुआ मोइत्रा का पीएम मोदी पर आया…, संसद में कर दिया ऐसा काम, आधे घंटे तक हुई ठप!

महुआ मोइत्रा ने जिस कविता से अपनी बात शुरू की वह इस प्रकार है. उन्होंने कहा, 'यह शुभ समय है, उसे कल तैयार होकर, मेकअप करके, अच्छी दिखने के बाद मंच पर आते देखना। पुस्तक को संविधान की आंखों के सामने रखकर कहा...

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Mahua Moitra fell in love with PM Modi, did such a thing in Parliament... there was a standstill for half an hour!
  • December 14, 2024 8:28 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 months ago

नई दिल्ली: संविधान पर चर्चा के दौरान टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने अपने भाषण की शुरुआत हिलाल फरीद की एक कविता से की. इस दौरान उन्होंने केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में बड़ी संख्या में लोगों का मानना ​​है कि संविधान खतरे में है. केंद्र सरकार संविधान से छेड़छाड़ करना चाहती है. उन्होंने इस दौरान अपने ऊपर हुए हमले का मुद्दा भी उठाया.

 

सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा

 

महुआ मोइत्रा ने कहा कि मुझ पर भी कई हमले हुए जिसके कारण मुझे सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा. यही संविधान की ताकत है. इस दौरान उन्होंने एक ऐसा मुद्दा भी उठाया जिस पर सत्ता पक्ष से निशिकांत दुबे और केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू सामने आ गए. इतना ही नहीं, आरोप-प्रत्यारोप का दौर इतना बढ़ गया कि लोकसभा की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित करनी पड़ी.

 

 

महुआ मोइत्रा ने जिस कविता से अपनी बात शुरू की वह इस प्रकार है. उन्होंने कहा, ‘यह शुभ समय है, उसे कल तैयार होकर, मेकअप करके, अच्छा दिखने के बाद मंच पर आते देखना। पुस्तक को संविधान की आंखों के सामने रखकर कहा: मैं सिर झुकाकर इस पुस्तक को अपने मन में लेता हूं और ईश्वर की शपथ लेता हूं।रात ढलने दीजिए, दिन बदलने दीजिए, कल तलक ये बेवफा सितमगरों का बादशाह सब भूल जाएगा। नफरतें उगाएगा। दूरियां बढ़ाएगा।

 

संविधान खतरे में है

 

रोज संविधान की धज्जियां उड़ाएगा। मगर जो आज महफिल सजी है, यही मानती है कि हीरो वही है। मुबारक घड़ी है। तृणमूल सांसद ने आगे कहा कि पिछले 10 सालों में बड़ी संख्या में लोगों का मानना ​​है कि संविधान खतरे में है. इस सरकार ने इंदिरा गांधी की इमरजेंसी पर सवाल उठाए थे. जी हाँ, यही लोकतंत्र का काला अध्याय है। लेकिन वर्तमान सरकार अप्रत्यक्ष रूप से ऐसा कर रही है. पुलिस मतदाताओं को धमका रही है. इसका नजारा संभल के रामपुर में देखने को मिला, जहां मतदाताओं पर घर में रहने का दबाव डाला गया. अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया गया.

 

बुलडोजर की कार्रवाई की

 

महुआ मोइत्रा ने आगे कहा कि यह सरकार नागरिक संशोधन कानून लेकर आई, जो सीधे तौर पर मौलिक अधिकारों पर सवाल उठाता है. सभी भाजपा शासित राज्यों में न्याय के नाम पर घरों पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई। बिना कानूनी प्रक्रिया अपनाए अल्पसंख्यकों के घर तोड़ दिए गए. खाने-पीने की दुकानें लगाने वाले अल्पसंख्यकों खासकर मुस्लिमों को अपनी दुकानों के आगे नेमप्लेट लगाने की अनिवार्यता का यूपी सरकार का फैसला सवाल खड़े करने वाला था।

 

फैसले पर लगी रोक

 

टीएमसी सांसद ने आगे कहा कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट में गया जहां से इस फैसले पर रोक लगा दी गई. यूपी सरकार का यह आदेश स्पष्ट रूप से अनुच्छेद 15 का उल्लंघन करता है। इस दौरान जस्टिस लोया का मुद्दा उठाने पर सदन में भारी हंगामा हुआ। निशिकांत दुबे और किरण रिजिजू ने विपक्ष द्वारा उठाए गए मुद्दे पर कहा कि इस पर कार्रवाई की जाएगी. इस मुद्दे को लेकर संसद में जमकर हंगामा हुआ और सदन की कार्यवाही आधे घंटे के लिए स्थगित कर दी गई.

 

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