नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दिल्ली सीएम की गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार को घेरा है. जहां तक सत्तारूढ़ बीजेपी की बात है तो संजय राउत ने कहा है कि देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है और किसी को भी कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है.
मीडिया से बात करते हुए शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि ये चुनाव बीजेपी के लिए मुश्किल होंगे. इसीलिए वो लोगों को चोट पहुंचाना जारी है. बता दें कि आज इस देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है. यहां किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है. जो तस्वीर भारत में हो रही है , वही रूस और चीन में भी है. जनता ने अरविंद केजरीवाल को अपना मुख्यमंत्री चुना है, इसलिए उनकी किस्मत का फैसला भी जनता ही करेगी.
लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने केंद्र पर निशाना साधा है. प्रियंका चतुर्वेदी ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा, ”जिस तरह से आम आदमी पार्टी के सभी नेताओं को हिरासत में लिया गया, उसे देखकर साफ है कि ये राजनीतिक प्रतिशोध का नतीजा था.” उन्होंने कहा, “ईडी की ओर से अब तक कोई तथ्य उपलब्ध नहीं कराया गया है, जिससे कि साबित हो पाए ये कार्रवाई किस आधार पर हो रही है, कोई सबूत नहीं दिए गए हैं. ये नहीं भूलना चाहिए कि अरविंद केजरीवाल भारी बहुमत से जनता का विश्वास जीतकर आए हैं और वो अपना काम करने के कारण ही जीत कर आए हैं”.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दिल्ली की शराब नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रहा है. इसी कड़ी में ईडी की टीम गुरुवार शाम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर पहुंची और उनसे इस संबंध में पूछताछ की, इस पूछताछ के बाद उन्हें उसी रात गिरफ्तार कर लिया गया. बता दें कि दिल्ली सरकार ने कोरोना काल के दौरान दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति 2021-22 लागू की थी. इस शराब नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की कई शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी.
बता दें कि ईडी ने अपनी चार्जशीट में कई बार अरविंद केजरीवाल के नाम का जिक्र किया है. साथ ही अदालत में दायर आरोप पत्र में ईडी ने बताया कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 आप के शीर्ष नेताओं द्वारा बनाई गई थी, ताकि लगातार अवैध धन कमा कर और उसे अपने पास लाया जा सके. दरअसल ईडी ने दावा किया कि ये नीति अवैध और आपराधिक गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए जानबूझकर कमियों के साथ बनाई गई, और एजेंसी ने आरोप पत्र में आरोपियों के साथ सीएम के घर पर बैठक से लेकर वीडियो कॉल तक की घटनाओं का उल्लेख भी किया है.