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तुर्की के Asisguard Songar Drone के बारे में जानें, जिसके दम पर उछल रहा था पाकिस्तान… जिसे भारत ने किया नाकाम

भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में तनावपूर्ण स्थिति में भारतीय सेना ने अपनी ताकत का शानदार प्रदर्शन किया. पाकिस्तान ने 8-9 मई 2025 की मध्यरात्रि को भारतीय वायुक्षेत्र में तुर्की निर्मित असीसगार्ड सोंगर ड्रोन के जरिए हमला करने की कोशिश की. भारतीय सेना ने इन 300-400 ड्रोनों को मार गिराकर पाकिस्तान की साजिश को विफल कर दिया.

Operation Sindoor News
inkhbar News
  • May 9, 2025 8:51 pm Asia/KolkataIST, Updated 6 days ago

Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच हाल ही में तनावपूर्ण स्थिति में भारतीय सेना ने अपनी ताकत का शानदार प्रदर्शन किया. पाकिस्तान ने 8-9 मई 2025 की मध्यरात्रि को भारतीय वायुक्षेत्र में तुर्की निर्मित असीसगार्ड सोंगर ड्रोन के जरिए हमला करने की कोशिश की. भारतीय सेना ने इन 300-400 ड्रोनों को मार गिराकर पाकिस्तान की साजिश को विफल कर दिया.

असीसगार्ड सोंगर ड्रोन का परिचय

असीसगार्ड सोंगर ड्रोन तुर्की की रक्षा कंपनी असीसगार्ड द्वारा विकसित एक उन्नत, कम ऊंचाई वाला क्वाड्रोटर मानव रहित लड़ाकू ड्रोन है. इसे तुर्की सशस्त्र बलों की जरूरतों के लिए अंकारा में डिज़ाइन किया गया है. यह ड्रोन स्वचालित और मैनुअल दोनों मोड में काम कर सकता है. कर्नल सोफिया कुरैशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया पकड़े गए ड्रोनों की जांच से पता चला कि ये तुर्की के बने असीसगार्ड सोंगर ड्रोन थे. जिन्हें भारत के मजबूत रक्षा तंत्र ने ध्वस्त कर दिया.

ड्रोन की तकनीकी विशेषताएं

असीसगार्ड सोंगर ड्रोन की परिचालन रेंज 10 किलोमीटर है और यह 45 किलोग्राम वजन के साथ उड़ान भर सकता है. यह ड्रोन डेलाइट और इन्फ्रारेड कैमरों से लैस है जो दिन और रात दोनों समय निगरानी में सक्षम हैं. यह 2,800 मीटर की ऊंचाई तक उड़ सकता है और GPS व GLONASS नेविगेशन सिस्टम से युक्त है. इसके अलावा, यह छह मिनी मिसाइलें दाग सकता है जो इसे युद्ध में खतरनाक बनाती हैं. यह ड्रोन रियल-टाइम तस्वीरें और टेलीमेट्री डेटा कमांड सेंटर तक भेजता है.

पाकिस्तान तक ड्रोन की पहुंच

रिपोर्ट्स के अनुसार ये ड्रोन 27 अप्रैल 2025 को तुर्की के सी-130 हरक्यूलिस विमानों के जरिए पाकिस्तान पहुंचे. यह ठीक उस समय हुआ जब भारत पहलगाम आतंकी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई की योजना बना रहा था. इस ड्रोन की कम लागत, हल्का वजन और आसान उपयोग इसे सैन्य अभियानों के लिए आदर्श बनाता है.

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