नई दिल्ली. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का फैसला लिया है. इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर से विशष राज्य का दर्जा खत्म हो जाएगा. साथ ही राज्य का विभाजन होकर लद्दाख और जम्मू-कश्मीर दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनेंगे. भारत सरकार के इस फैसले से पाकिस्तान समेत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मुंह पर करारा तमाचा जड़ा गया है. दरअसल पिछले महीने पाक पीएम इमरान खान ने अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की थी. इस मुलाकात के दौरान ट्रंप ने कश्मीर मसले पर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की. उन्होंने इमरान खान से यह भी कहा कि उनकी इस बारे में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात हो गई है. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के इस बयान का खंडन किया. इस तरह डोनाल्ड ट्रंप झूठे साबित हुए.
दूसरी तरफ पाकिस्तान को भी कश्मीर में धारा 370 हटने से बड़ा झटका लगा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने आर्टिकल 370 खत्म करने के फैसले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि वो भारत के गैरकानूनी और एकतरफा फैसले की वैश्विक मंच पर शिकायत करेगा और संयुक्त राष्ट्र के समक्ष इस मुद्दे को उठाएगा. इसके लिए पीएम इमरान खान ने बुधवार को आपातकालीन संसदीय बैठक बुलाई गई है.
एक दिन पहले इमरान खान ने शीर्ष नौकरशाहों और सैन्य अधिकारियों से राष्ट्रीय सुरक्षा पर हाई लेवल मीटिंग की. वहीं खान ने रविवार को फिर से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को मध्यस्थता करने के लिए कहा था.
भारत सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए कश्मीर से धारा 370 हटाकर डोनाल्ड ट्रंप और इमरान खान दोनों के मुंह पर करारा तमाचा मारा है. माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के दोनों देशों के बीच कश्मीर मसले पर मध्यस्थता करने की इच्छा जताने के बाद ही भारत सरकार ने धारा 370 हटाने का फैसला जल्द ही ले लिया गया.
इससे पहले केंद्र सरकार ने कश्मीर में भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए. साथ ही अमरनाथ यात्रा को समय से पहले ही रोक दिया गया. कश्मीर से सभी पर्यटकों को भी बाहर निकाल दिया. इसके लिए पिछले कुछ दिनों में ही तैयारी की गई.
दूसरी तरफ डोनाल्ड ट्रंप और व्हाइट हाउस की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. ट्रंप फिलहाल भारत सरकार के धारा 370 हटाए जाने के फैसले पर कुछ नहीं बोलना चाह रहे हैं. हालांकि पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि वह अब चुप नहीं बैठेगा और इस मुद्दे को वैश्विक मंच पर उठाएगा. माना जा रहा है कि इमरान खान इस बारे में डोनाल्ड ट्रंप से बात कर सकते हैं.
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