नई दिल्ली. भारत ने बुधवार को सुबह 13 अमेरिकी नैनो सैटेलाइट को सफलतापूर्व लॉन्च करके 300 विदेशी सैटेलाइट का आंकड़ा पार कर लिया है. भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने 27 नवंबर को सुबह 09.28 बजे मिलिट्री सैटेलाइट कार्टोसैट-3 (Cartosat-3) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया है. इसके साथ ही इसरो ने 13 अमेरिकी नैनो सैटेलाइट को लॉन्च किया है. लॉन्च के 17 मिनट बाद PSLV c47 ने 13 अमेरिकी नैनो सैटलाइट्स को भी ऑर्बिट में प्रक्षेपित कर दिया गया.
- इससे पहले भारत ने अपने PSLV रॉकेट के साथ 297 विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च कर चुका है. बुधवार सुबह PSLV रॉकेट से 13 अमेरिकन नैनो सैटेलाइट लॉन्च करके भारते के विदेशी सैटेलाइट की कुल संख्या 310 हो गई.
- इसरो ने कार्टोसैट-3 सैटेलाइट को श्रीहरिकोटा द्वीप पर स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटोर (SDSC SHAR) के लॉन्चपैड-2 से लॉन्च किया है. कार्टोसैट-3 सैटेलाइट पीएसएलवी-सी47 (PSLV-C47) रॉकेट से छोड़ा गया है.
- अब भारतीय सेनाएं पाकिस्तान की नापाक हरकत और उसकी आतंकी गतिवधियों पर नजर रख पाएंगी. इसके अलावा जरूरत पड़ने पर इस सैटेलाइट की मदद से सर्जिकल और एयर स्ट्राइक भी कर सकते हैं.
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- अब यह कार्टोसैट-3 पृथ्वी से 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर चक्कर लगाएगा. कार्टोसैट-3 कार्टोसैट सीरीज का 9वां सैटेलाइट है. इसमें सबसे खास है कैमरा जो स्पेस में 509 किलोमीटर की ऊंचाई से जमीन पर 9.84 इंच की ऊंचाई तक की भी हाई रेजॉलूशन फोटो ले सकता है.
- कार्टोसैट-3 का वजन 1,625 किलोग्राम है और इसके द्वारा बड़े पैमाने पर शहरों की प्लानिंग, ग्रामिण संसाधन और बुनियादी ढ़ांचे के विकास, तटीय जमीन के इस्तेमाल और प्रकृतिक आपदाओं और ढांचागत विकास में भी मदद करेगा.
1999 से हुई शुरुआत
इसरो ने अपनी कॉमर्शियल ब्रांच अंतरिक्ष कॉरपोरेशन लिमिटेड के साथ मिलकर साल 1999 में विदेशी सैटेलाइट्स को लॉन्च करने का प्रोग्राम शुरू किया था. 2016 में इसरो ने अकेले ही दूसरे देशों के सैटेलाइट्स को सफलतापूर्व लॉन्च किया था. साल 2016 में इसरो ने अकेले ही दूसरे देशों के 22 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया था. इसरो ने 2015 में अमेरिका का सबसे पहला सैटेलाइट छोड़ा था. 2017 में इसरो ने पीएसएलवी के माध्यम से एक साथ 104 विदेशी सैटेलाइट को लॉन्च किया था. 2018 में 8 देशों के 30 छोटे सैटेलाइट को सफलतापूर्वक लॉन्च करके कक्षा में स्थापित किया था.