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‘रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन मिली भारत को आजादी’, मोहन भागवत ने बताया 5000 साल पुराना इतिहास

इंदौर के एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख भागवत ने कहा कि सालों तक हम गरीबी हटाओ और समाजवाद की बात करते रहे लेकिन क्या इससे कुछ नही हुआ।

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Mohan Bhagwat
  • January 14, 2025 11:08 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत हाल ही में मध्य प्रदेश के दौरे पर थे।  वे इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने मध्य प्रदेश आए थे। कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि राम मंदिर आंदोलन क्यों शुरू हुआ था। इसी कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख भागवत ने यह भी कहा कि सालों तक हम गरीबी हटाओ और समाजवाद की बात करते रहे लेकिन क्या इससे कुछ नही हुआ।

भारत के आत्म जागरण के लिए है राम मंदिर

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, “हमारी 5000 साल की परंपरा क्या है? जो भगवान राम, भगवान कृष्ण और भगवान शिव से शुरू हुई। वो हमारी अपनी है। हमने अपनी जागृति के लिए आंदोलन किया था। बैठक में कॉलेज के छात्र पूछते थे कि आपने लोगों की रोजी-रोटी की चिंता छोड़कर मंदिर क्यों बनाए। तो मैं उनसे कहता था कि ये 80 का दशक है। 1947, इजरायल और जापान हमसे शुरू हुए और वो बड़ी ऊंचाइयों पर पहुंचे।” इस कार्यक्रम से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है जिसमें सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है, “हमने समाजवाद की बात की और तमाम नारे दिए लेकिन क्या उससे कुछ हुआ?

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भारत की आजीविका का रास्ता भी श्री राम मंदिर से होकर जाता है। तो ये पूरा आंदोलन भारत के आत्म जागरण के लिए था। वो आंदोलन अयोध्या में सालों से चली आ रही कलह की परंपरा को खत्म करने के लिए था। ये सब एक दिन में नहीं होता है। बीच में एक लंबा अंतराल रहा है, इसलिए इसे पूरा होने में समय लगा।”

प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन मिली आजादी

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने यह भी कहा, “भारत को सच्ची आजादी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के दिन मिली, जिसने कई शताब्दियों तक उत्पीड़न का सामना किया। भारत को आजादी मिली लेकिन स्थापित नहीं हुई थी। हमें 15 अगस्त को राजनीतिक आजादी मिली, हमने संविधान भी बनाया लेकिन हमने उसकी भावना का पालन नहीं किया।”

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