भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के बीच, पाकिस्तान सेना की ओर से बड़ा दावा सामने आया है। पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा है कि भारत ने छह बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जो जालंधर के आदमपुर एयरबेस से लॉन्च की गईं। उनका आरोप है कि इन मिसाइलों का निशाना पाकिस्तान के चार सैन्य एयरबेस थे। इस कथित हमले के बाद पाकिस्तान ने प्रभावित एयरबेसों को बंद कर ‘नोटम’ (NOTAM) जारी कर दिया है।
हालांकि भारत सरकार की ओर से अब तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। इस बीच पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए फतेह-2 मिसाइलों और ड्रोन से हमले की कोशिश की, लेकिन भारत की सुरक्षा प्रणाली ने इन प्रयासों को विफल कर दिया। पाकिस्तान के पास कुल 40 सैन्य एयरबेस हैं। फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट्स की रिपोर्ट के अनुसार इनमें से 30 एयरबेस युद्धकालीन और परमाणु हमलों के लिए तैयार माने जाते हैं। प्रमुख एयरबेसों में शोरकोट (रफीकी), मसरूर (कराची), समुंगली (क्वेटा), कामरा (मिन्हास), और पेशावर शामिल हैं।
PAF बदीन
PAF भगतांवाला
PAF चकलाला, रावलपिंडी
PAF चंदर
PAF चुक झुमरा
PAF फैसल, कराची
PAF ग्वादर
PAF कालाबाग
PAF कामरा (मिन्हास)
PAF कोहाट
PAF कोरंगी क्रीक
PAF लाहौर
PAF निचला टोपा
PAF मालिर
PAF मियांवाली
PAF मसरूर
PAF मीरपुर खास
PAF मुल्तान
PAF मुरीद
PAF नवाबशाह
PAF ओरमारा
PAF पसनी
PAF पेशावर
PAF रफीकी शोरकोट
PAF रहीम यार खान
PAF राजनपुर
PAF रिसालेवाला फैसलाबाद
PAF रिसालपुर रिसालपुर
PAF साकेसर
PAF समुंगली क्वेटा
PAF सरगोधा
PAF शाहबाज़ जकोबाबाद
PAF सिणधरी
PAF स्कर्दू
PAF सुक्कुर
PAF तलहर
PAF विहारी
पाकिस्तानी एयरबेस तीन श्रेणियों में बांटे गए हैं , मेजर ऑपरेशनल बेस: पूरी तरह से सक्रिय हवाई ठिकाने।
फॉरवर्ड ऑपरेशनल बेस: आमतौर पर निष्क्रिय, लेकिन जरूरत पड़ने पर तत्काल सक्रिय किए जा सकते हैं।
सैटेलाइट बेस: जिनका उपयोग आपात लैंडिंग और विमानों की तैनाती के लिए किया जाता है।
इसके अलावा, पाकिस्तान में लगभग दो दर्जन नागरिक हवाई अड्डे भी हैं, जिन्हें सैन्य जरूरतों के अनुसार उपयोग में लाया जा सकता है। लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ ने भारत के इस कदम को “गैर-जिम्मेदाराना और अत्यंत खतरनाक” बताया और चेतावनी दी कि अगर भारत का आक्रामक रुख जारी रहा तो क्षेत्र में हालात और बिगड़ सकते हैं। स्थिति लगातार बदल रही है और अंतरराष्ट्रीय निगरानी एजेंसियां इसे गंभीरता से देख रही हैं।