नई दिल्ली। देश के कई जगहों पर भारी बारिश और बाढ़ लोगों के लिए आफत का कहर बन गई है। देश के पूर्वी इलाकों से लेकर पश्चिमी छोर तक आसमानी आफत ने लोगों को बेबस और लाचार बना दिया है। भारी वर्षा और बाढ़ से लगातार गांव के गांव डूब रहे हैं। वहीं, शहरों में तो समंदर जैसे हालात देखने को मिल रहे हैं। मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में भारी वर्षा के कारण लोगों की मुश्किलें बेहद बढ़ गई हैं। वहीं जम्मू-कश्मीर में बादल फटने के कारण भारी तबाही हुई है। मध्य प्रदेश में भारी बारिश होने की वजह से नर्मदा, शिप्रा, पार्वती, बेतवा, तवा, और चंबल नदियां उफान पर आई हुई हैं। वहीं, जलस्तर बढ़ने के वजह से बांधों के गेट खोले जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में बाढ़ के कारण 10 लोगों की जान चली गई है और सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं।
बता दें कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में भारी बारिश होने से इंद्रावती नदी पूरे उफान पर है। नदी पर बने हुए पुल के ऊपर से पानी बह रहा है। पानी का बहाव तेज होने से हर कोई बेबस है। कई लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर पुल पार करने का प्रयास करते हुए दिखे।
वहीं, मध्य प्रदेश के कई इलाकों में भारी वर्षा और बाढ़ से लोग बेहद परेशान हैं। भोपाल समेत प्रदेश के अधिकरत हिस्सों में तेज बारिश अभी भी जारी है। बारिश के कारण नर्मदा, शिप्रा, पार्वती, बेतवा, तवा और चंबल नदियां उफान पर हैं। वहीं, जलस्तर के लगातार बढ़ने से बांधों के गेट खोले जा रहे हैं, जिसकी वजह से निचले इलाकों में पानी भरने का खतरा भी बढ़ रहा है।
बारिश की वजह से गुजरात के सूरत शहर का बूरा हाल हो गया है। सिर्फ दो दिन की बारिश से पूरा शहर पानी में डूबने लगा है। प्रशासन राहत और बचाव में लग गया है। 10 घंटे में 10 मीली मीटर वर्षा ने डायमंड सिटी की सूरत को बिगाड़ दिया है।
ओडिशा में कटक से लेकर पुरी तक बारिश तबाही मचा रही है। शहरी इलाकों के साथ-साथ ग्रामीण इलाके भी पानी में डूब गए हैं। जिससे लोगों को भारी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। पुरी का पीपली इलाका पूरी तरह जल में डूबा हुआ है। किसानों के खेत भी पानी में डूब गए हैं, जिस कारण सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो गई।
यूपी के झांसी में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। राजघाट डैम से तकरिबन पौने तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और वहीं, मऊ में नदी किनारे कटान पढ़ने से लोग पलायन करने मजबूर हैं। झांसी का राजघाट डैम ओवर फ्लो हो रहा है। लिहाजा सिंचाई विभाग ने डैम से लगभग पौन तीन लाख क्यूसेक पानी छोड़ा है। एक ओर बेतवा नदी उफान पर है वहीं दूसरी ओर डैम से छोड़ा हुआ पानी लोगों के सामने दोहरा संकट बनकर खड़ा है। हालात को देखते हुए प्रशासन ने निचले इलाकों में अलर्ट जारी किया है।
मैदानी इलाकों में बारिश के कहर के साथ ही पहाड़ी राज्यों में लोग दोहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर लैंडस्लाइड और दूसरी ओर बादल फटने की घटनाओं के कारण लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कहीं पहाड़ में दरार पड़ रही हैं तो कहीं बादल मुसीबत बने हुए हैं। उत्तरकाशी में यमुनोत्री-गंगोत्री नेशनल हाइवे पर धरासू के पास भारी भूस्खलन होने के कारण श्रद्धालुओं और सैलानियों को भारी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। पहाड़ों पर वर्षा के कारण प्रतिदिन ऐसे ही अलग-अलग इलाकों में पहाड़ दरक रहे हैं।
उत्तराखंड में पहाड़ टूटा तो वहीं, जम्मू कश्मीर में बादल फटा गया। अनंतनाग में बादल फटने की वजह से भारी तबाही हुई है। बुधवार सुबगह जवाहर टनल के पास अचानक बादल फटने के कारण आसपास बने टेंट पानी में बह गए। स्थानीय लोगों के अनुसार ये सैलाब अपने साथ बड़ी संख्या में मवेशी भी बहाकर ले गया है। बता दें की इस आसमानी आफत में किसी की भी जान नहीं गई है। मौसम विभाग ने कश्मीर घाटी में 24 घंटे भारी बारिश होने की चेतावनी पहले से ही जारी कर रखी है। ऐसे में लोगों के लिए मुसीबत और बढ़ने की संभावना है।
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