October 4, 2024
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Farmer's Protest: किसानों के दिल्ली कूच से पहले टेंशन में सरकार, मोबाइल इंटरनेट बंद

Farmer's Protest: किसानों के दिल्ली कूच से पहले टेंशन में सरकार, मोबाइल इंटरनेट बंद

  • WRITTEN BY: Arpit Shukla
  • LAST UPDATED : February 11, 2024, 10:49 am IST
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नई दिल्ली। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर एक बार फिर से किसान और पुलिस के जवान आमने-सामने आ गए हैं। बता दें कि किसानों के 13 फरवरी को प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ कूच से पहले हरियाणा पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए बाड़ेबंदी शुरू कर दी है। पुलिस ने हरियाणा-पंजाब के शम्भू बॉर्डर को स्थाई रूप से बंद कर दिया है। पिछली बार किसान आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा की गई बैरिकेडिंग को किसानों ने ट्रैक्टरों से नदी में फेंक दिया था। लिहाजा इस बार हाईवे पर बड़े-बड़े सीमेंट के बैरिकेड रखकर पूरे हाईवे पर सीमेंट की दीवार बना दी गई हैं। इसके बाद बैरिकेडिंग को सीमेंट तथा कंक्रीट से ब्लॉक कर दिया गया है। साथ ही हरियाणा सरकार ने कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाए सस्पेंड कर दी हैं।

पैरामिलिट्री फोर्स तैनात

किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर हरियाणा पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स की 50 कंपनियां तैनात की हैं। अधिकारियों ने बताया कि किसी को भी शांति और सद्भाव को बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी। किसानों से कहा है कि वो इस प्रदर्शन में बिना अनुमति के शामिल ना हों। साथ ही पुलिस ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है।

इन जिलों में इंटरनेट बंद

किसानों के दिल्‍ली मार्च आह्वान के मद्देनजर हरियाणा की मनोहरलाल खट्टर सरकार विशेष सावधानी बरत रही है। हरियाणा के 7 जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवा को सस्पेंड कर दिया गया है। साथ ही बल्‍क में SMS भेजने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा पंजाब से लगे बॉर्डर को भी सील कर दिया गया है। राज्य सरकार ने अंबाला, कैथल, जिंद, कुरुक्षेत्र, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में इंटरनेट सेवा बंद कर दिया है।

क्यों प्रदर्शन कर रहे किसान?

बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा तथा किसान मजदूर मोर्चा ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए कानून बनाने सहित कई मांगों को लेकर केंद्र पर दबाव बनाने के लिए 13 फरवरी को 26 से अधिक किसान संघों के ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन का एलान किया था हालांकि 2020 में हुए किसान आंदोलन का नेतृत्व करने वाला संयुक्त किसान मोर्चा इस बार ‘दिल्ली चलो’ प्रदर्शन का हिस्सा नहीं है।

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