नई दिल्ली: दुनियाभर में कोरोना संक्रमण से मचे हाहाकार के बीच लोगों को प्रकृति से प्रेम और उसका संरक्षण करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से बुधवार को अर्थ एंथम लॉन्च किया जाएगा. 22 अप्रैल दुनियाभर में अर्थ डे के रूप में मनाया जाता है. इस बार का अर्थ डे कुछ खास है क्योंकि इस बार अर्थ डे की गोल्डन जुबली है, यही वजह है कि अर्थ एंथन को 22 अप्रैल को लॉन्च किया जा रहा है. डॉ एल सुब्रमण्यम ने अर्थ एंथम को प्रोड्यूस किया है और उसका संगीत भी दिया है. कवि एवं राजनेयिक अभय कुमार ने इस एंथम के बोल लिखे हैं और मशहूर पार्षव गायिका कविता कृष्णमूर्ती ने इसे अपनी आवाज दी है.
दरअसल अर्थ एंथन को साल 2017 में डॉ सुब्रमण्यम ने प्रोड्यूस किया था. इसके लिरिक्स भी अंग्रेजी में लिखे गए थे लकिन अब इसे दुनियाभर में बोली जाने वाली 50 भाषाओं में ट्रांस्लेट किया जा रहा है. हाल ही में डॉ एल सुब्रमण्यम को अर्थ डे नेटवर्क का एंबेसेडर बनाया गया है जो इस साल अर्थ डे की गोल्डन जुबली मना रहे हैं.
अर्थ एंथन की एक और खास बात ये है कि इसके लिरिक्स भारत की संस्कृति वसुधैव कुटुंबकम को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है जो भारत के प्राचीन गंथ्रों में समावेशित है. ग्लोबल एंथम को लिखने वाले कवि और राजनेयिक अभय कुमार ने कहा कि जिस तरीके से आज कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैल रहा है उससे एक बार फिर साबित हो गया है कि हम एक दूसरे पर कितने निर्भर हैं.
उन्होंने आगे कहा कि हम चाहे जिस भी देश के नागरिक हों लेकिन हम खुद को पूरी तरह दुनिया से अलग नहीं कर सकते, ठीक उसी तरह पर्यावरण प्रदूषण, जैव विविधता से होने वाली हानि हम सबको प्रभावित करता है. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम दुनिया के किस हिस्से में रह रहे हैं. हम सबकी जिंदगी एक दूसरे पर निर्भर है और इसे खुले दिल से स्वीकार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि जबतक हम ये बात समझ नहीं लेते तबतक हम किसी भी वैश्विक समस्या का सामना नहीं कर सकते फिर चाहे वो जलवायू परिवर्तन हो जैव विविधता को होने वाली हानि हो या फिर कोरोना संक्रमण
अर्थ एंथम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अर्थ एंथम के बोल इस प्रकार हैं कि सभी देशों के सभी लोग अनेकों में एक और एक में अनेक हैं. आज सब मिलकर एक ही शत्रु से लड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए कॉमन अर्थ एक साथ दुनियाभर के लोगों को एक साथ आने के लिए प्रेरित करेगा और आने वाली पीढियो को पर्यावरण के संरक्षण और उसकी सुरक्षा का संदेश देगा.