नई दिल्ली, मंगलवार को सत्ताधारी NDA ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को अपना प्रत्याशी चुना. जहां इसकी घोषणा भाजपा पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की. जानकारी के मुताबिक एनडीए की कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू 24 जून को राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने वाली हैं. बता दें, चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की आखरी तारीख 29 जून है. जहां 18 जुलाई को देश को उसका अगला राष्ट्रपति मिल जाएगा. इसके अलावा यदि द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनती हैं तो वह आदिवासी समाज की पहली महिला राष्ट्रपति होंगी. इसके अलावा प्रतिभा पाटिल के बाद वह देश की दूसरी राष्ट्रपति होंगी.
भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान किया है. उन्होंने कहा, पहली बार किसी महिला आदिवासी प्रत्याशी को राष्ट्रपति के पद के लिए वरीयता दी गई है. हम आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू को NDA के उम्मीदवार के रूप में घोषित किया जा रहे हैं. नड्डा ने बताया की NDA की ओर से राष्ट्रपति पद के चुनाव में उम्मीदवार के लिए करीब 20 नामों पर चर्चा की गई. इसके बाद द्रौपदी मुर्मू के नाम पर सहमति बनी.
जहां सभी नेताओं ने इस बात पर मंथन किया कि देश का राष्ट्रपति आदिवासी समुदाय को प्रत्याशी होना चाहिए. बता दें, यह पहली बार होगा जब कोई आदिवासी महिला राष्ट्रपति बनेंगी. द्रौपदी मुर्मू झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं. बता दें, द्रौपदी मुर्मू पहली महिला आदिवासी राज्यपाल थीं. वह ओडिसा से रायरंगपुर में विधायक भी रही हैं. अब वह सत्ताधारी पार्टी भाजपा की ओर से राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार का चेहरा बनने वाली हैं.
तीन नेताओं के मना करने के बाद आखिरकार आज विपक्ष को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना चेहरा मिल गया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ही वह नाम है जो विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार बनेंगे. जहां राजनीतिक जानकारों के बीच इस खबर से काफी हलचल देखने को मिल रही है. बता दें, यशवंत सिन्हा ने साल 2018 में बीजेपी को छोड़ा था, इस समय वह तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष हैं.
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