नई दिल्ली। कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में प्रस्तुत आम बजट में सरकार ने किसानों को लेकर कई बड़े ऐलान किए। बजट में सस्ते ब्याज पर अधिक लोन से लेकर डेयरी और मछली पालन तक को लेकर कई अहम घोषणाएं की गई हैं। बजट में आने वाले वित्त वर्ष के लिए सरकार ने कृषि ऋण के उद्देश्य को 11 प्रतिशत बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये करने का ऐलान किया है। इसमें पशुपालन, डेयरी और मछली पालन पर ज़्यादा ध्यान दिया जाएगा। इसको लेकर केंद्र सरकार का लक्ष्य कृषक समूह को रियायती दामों पर अधिक कृषि ऋण देना है।
6,000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट
कल बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने अपने बजट संबोधन में कृषि और इससे सम्बंधित क्षेत्रों के लिए बड़े ऐलान किए। सरकार एक नई उप-योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को आरंभ करेगी। इस योजना के तहत सप्लाई चेन को और भी बेहतर बनाने और मछली के बाजार को फ़ैलाने पर 6,000 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट किया जाएगा। इसके साथ ही साथ वित्त मंत्री ने बयान में कहा कि प्राकृतिक कृषि को अपनाने के लिए देश की सरकार एक करोड़ किसानों को तैयारी करेगी।
कृषि स्टार्ट अप को भी मिलेगा बढ़ावा
देश में अब खेती-किसानी के साथ-साथ कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को भी बढ़ावा मिलेगा। ग्रामीण इलाकों में युवाओं को इस मिशन से जोड़ने की कवायद भी की जाएगी।जिसके लिए सरकार एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड भी बनाएगी पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर फोकस करते हुए एग्री लोन लक्ष्य भी बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये तक कर दिया गया है।
बढ़ाई जाएगी कृषि स्टोरेज की क्षमता
फसल की उपज को सुरक्षित ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कृषि सेक्टर में स्टोरेज क्षमता का विकास होगा। इससे ना सिर्फ किसानों को अपनी उपज के सुरक्षित रख-रखाव में मदद दी जाएगी , बल्कि इसके साथ ही सही समय पर उपज बेचने से आय में भी बढ़त हो जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अगले 5 वर्षों में वंचित गांवों में बड़े लेवल पर सहकारी समितियों, प्राथमिक मत्स्य समितियों और डेयरी सहकारी समितियों स्थापना का लक्ष्य दिया गया है। जिसके लिए हर सुविधा और मदद उपलब्ध की जाएगी।
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