नई दिल्ली: भारत बायोटेक, एक प्रमुख बायोटेक कंपनी, दुनिया भर को हैजा से छुटकारा दिलाने के लिए एक नई ओरल वैक्सीन पर काम कर रही है। इस वैक्सीन का नाम ‘हिलकोल’ (Hillchol) है, और इसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मिल चुकी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिलकोल वैक्सीन के तीसरे फेज के क्लीनिकल ट्रायल में भारत से लगभग 3,600 लोगों ने भाग लिया। इस ट्रायल में पता चला कि हिलकोल पूरी तरह से सुरक्षित है और मौजूदा वैक्सीन की तुलना में इसका प्रभाव कम नहीं है।
वैश्विक स्तर पर ओरल हैजा वैक्सीन (OCV) की मांग 10 करोड़ डोज से अधिक है, जबकि उपलब्धता केवल 6 करोड़ डोज की है। नई वैक्सीन इस कमी को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
भारत बायोटेक ने हैदराबाद स्थित अपने प्लांट में इस वैक्सीन का निर्माण शुरू कर दिया है, जिसे DCGI ने मंजूरी दी है। कंपनी का लक्ष्य 4.5 करोड़ डोज की सालाना उत्पादन क्षमता स्थापित करना है। यह वैक्सीन एक सिंगल डोज वाला रेस्प्यूल है, जिसे 14 दिनों के अंतराल पर दिया जाता है और यह एक साल से अधिक उम्र के बच्चों के लिए उपयुक्त है।
हिलकोल वैक्सीन को लिक्विड फॉर्म में तैयार किया गया है। इसे नेबुलाइजर नाम की मशीन में डालकर सांस के माध्यम से शरीर में लिया जाता है। भारत बायोटेक हैदराबाद के प्लांट पर इस वैक्सीन की 20 करोड़ डोज तैयार करने की योजना बना रही है, जिसका लाभ केवल भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया को होगा।
साल 2021 के बाद से हैजा से मौतों की संख्या बढ़ रही है, हालांकि इसका इलाज संभव है। 2023 की शुरुआत से लेकर मार्च तक, 31 देशों में हैजा के 824,479 केस सामने आए हैं, जिनमें से 5,900 लोगों की मौत हो गई है।
हिलकोल वैक्सीन का फायदा केवल भारत में ही नहीं बल्कि अफ्रीकी महाद्वीप में भी होगा, जहां हैजा की स्थिति गंभीर है। अफ्रीकी देशों को इस वैक्सीन को भारत से खरीदना पड़ेगा, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया जा सकेगा।भारत बायोटेक की नई हैजा वैक्सीन ‘हिलकोल’ से उम्मीद है कि हैजा को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और यह वैक्सीन वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य संकट को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
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