पाकिस्तान को पूर्वी मोर्चे पर भारत से तनाव झेलना पड़ रहा है, वहीं अब पश्चिमी सीमा पर भी उसे गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। बलूचिस्तान में आजादी की मांग कर रहे बलूच संगठनों ने पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। रिपोर्टों के अनुसार, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) और अन्य संगठनों ने बीते दो दिनों में कई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है।
जानकारी के अनुसार, बीएलए के लड़ाकों ने क्वेटा, पंजगुर, उतहल, सोहबतपुर और केच सहित कम से कम पांच प्रमुख इलाकों में हमले किए हैं। इन झड़पों में भारी गोलीबारी और धमाके की घटनाएं हुई हैं। सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीरों और वीडियो में कई स्थानों पर पाकिस्तानी झंडे को हटाकर बलूच झंडा फहराते हुए देखा गया है। शुक्रवार को क्वेटा के फैजाबाद क्षेत्र में बलूच विद्रोहियों ने पाक सेना के एक काफिले को निशाना बनाया, जबकि सिब्बी में सैन्य शिविर पर ग्रेनेड से हमला हुआ। इससे एक दिन पहले गुरुवार को क्वेटा में चार अलग-अलग जगहों पर अज्ञात हमलावरों ने हमला किया था।
बलूच समर्थक मीडिया चैनल ‘रेडियो ज़्रुम्बेश इंग्लिश’ के मुताबिक, बीएलए ने मस्तुंग, केच और काची जिलों में भी कार्रवाई की है, जिसमें पाकिस्तानी सेना के जवानों को निशाना बनाया गया। बलूच लेखक मीर यार बलूच ने सोशल मीडिया पर लिखा कि बलूच अब अपने झंडे फहरा रहे हैं और यह समय है कि वैश्विक समुदाय पाकिस्तान से अपने राजनयिक मिशनों को हटाकर स्वतंत्र बलूचिस्तान में स्थानांतरित करे।
यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हो रहा है जब पाकिस्तान भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जवाब देने की रणनीति में उलझा है। भारत ने हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे। विशेषज्ञों का मानना है कि बलूचिस्तान में हालिया घटनाएं पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा को गंभीर रूप से चुनौती दे रही हैं।