नई दिल्ली. अयोध्या मामले पर मध्यस्था की कवायद फेल हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अब 6 अगस्त से खुली अदालत में सुनवाई होगी. हफ्ते में 3 दिन यानी मंगलवार, बुधवार और गुरुवार को सुनवाई होगी. 17 नवंबर को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई रिटायर होने वाले हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि राम मंदिर विवाद पर 17 नवंबर से पहले फैसला आ सकता है. हफ्ते में 3 दिन सुनवाई हुई तो कुल 35 दिन अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई होगी. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों के बीच आम सहमति बनाने के लिए अयोध्या मध्यस्थता पैनल को 31 जुलाई तक का समय दिया गया था.
मामले की सुनवाई कर रहे संवैधानिक पीठ से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि इस मामले से संबंधित हस्तक्षेप और रिट पिटीशन के मामले लंबित हैं.मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा कि हम इस मामले पर विभिन्न पहलुओं पर गौर करेंगे. पहले मामले की सुनवाई शुरू होने दीजिए. मामले की सुनवाई के दौन भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी मौजूद रहे.
सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा- मध्यस्थता कमेटी किसी भी अंतिम समझौते के करीब पहुंचने में कामयाब नहीं हो सकी है
CJI Ranjan Gogoi says.' the mediation panel has not been able to achieve any final settlement.' https://t.co/7tjztpkJ0I
— ANI (@ANI) August 2, 2019
सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा- अब प्रतिदिन सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई करेगा (सोमवार, मंगलवार, बुधवार)
Ayodhya land case: CJI says, 'The hearing of the case will be on a day-to-day basis, hearing to begin from August 6th. pic.twitter.com/nV6ZAeKdoX
— ANI (@ANI) August 2, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि सभी वकील अपने-अपने मामलों से संबंधित दस्तावेज तैयार कर लें जिन्हें आधार बनाकर वे बहस करेंगे. जिससे इस मामले से संबंधित दस्तावेजों की रजिस्ट्री पूरी कराई जा सके.
मामले की सुनवाई कर रहे एक अन्य वकील विष्णु ने कहा कि मध्यस्थता पैनल किसी एक मुद्दे पर बातचीत करने में असफल रहा. इस मामले पर हिंदू पक्ष अपने बहस की तैयारी करने में 40 दिन का समय लेगा. पिछली सुनवाई में अदालत ने कहा था कि उसे तीन सदस्यीय मध्यस्थता पैनल की एक रिपोर्ट मिली है, जिसकी अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश एफ. एम. आई. कलीफुल्ला कर रहे हैं. पैनल के अन्य दो सदस्य आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर और वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीराम पंचू हैं.
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