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9 महीने बाद धरती पर लौंटी सुनीता विलियम्स को स्ट्रेचर पर क्यों ले जाना पड़ा, 46 मिनट तक बढ़ी रही धड़कनें!

नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीनों के बाद धरती पर सुरक्षित वापस लौट आए हैं. आखिरी 46 मिनट धड़कने बढ़ाने वाले रहे. सुनीता विलियम्स और उनके साथियों के उतरते ही उन्हें स्ट्रेचर पर ले जाया गया. लोगों में यह जानने की उत्सुकता स्वभाविक है कि उन्हें स्ट्रेचर पर क्यों ले जाना पड़ा?

Sunita Williams carried out on stretcher
inkhbar News
  • March 19, 2025 7:35 am Asia/KolkataIST, Updated 1 month ago

Sunita Williams Returns: नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीनों के बाद धरती पर सुरक्षित वापस लौट आए हैं. दोनों अंतरिक्ष यात्री भारतीय समयानुसार 19 मार्च, 2025 यानी बुधवार की सुबह 3.30 बजे फ्लोरिडा के तट पर लैंड किये. इन्हें अंतरिक्ष का सफर तय करने में 17 घंटे लगे. ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से धरती पर लौटीं .सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर के साथ क्रू-9 के दो अन्य एस्ट्रोनॉट निक हेग और अलेक्सांद्र गोरबुनोव भी आये. अंतरिक्ष की सफल उड़ान के बाद धरती पर लौंटी सुनीता विलियम्स और उनके साथियों को स्ट्रेचर पर ले जाया गया. लोगों में यह जानने की उत्सुकता है कि उन्हें स्ट्रेचर पर क्यों ले जाया गया?

प्रोटोकॉल के तहत स्ट्रेचर पर ले जाया गया

आपको बता दें कि यह एक तरह का प्रोटोकॉल होता है, जिसे हर अंतरिक्ष से लौटने वाले हर यात्री को पालन करना होता है. इसका वैज्ञानिक कारण है. स्पेस से लौटने के बाद अंतरिक्ष यात्री तुरंत चल नहीं पाते हैं. उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं. अंतरिक्ष में शून्य गुरुत्वाकर्षण के कारण, मानव शरीर में अनोखे बदलाव होते हैं जो पृथ्वी की तुलना में एकदम अलग होते हैं.

शरीर में हो जाते हैं ये बदलाव

सबसे बड़ा बदलाव तो यह होता है कि गुरुत्वाकर्षण के अभाव में, तरल पदार्थ शरीर के ऊपरी हिस्से में जमा होने लगते हैं, जिससे चेहरा सूज जाता है. गुरुत्वाकर्षण के अभाव में, हड्डियाँ और मांसपेशियाँ कमजोर होने लगती हैं.अंतरिक्ष में, रीढ़ की हड्डी पर दबाव कम हो जाता है, इसलिए लंबाई बढ़ जाती है. अंतरिक्ष में प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है, यही वजह है कि पृथ्वी पर लौटने के बाद विशेष देखरेख की जरूरत होती है और उसी प्रोटोकॉल के तहत सुनीता विलियम्स को स्ट्रेचर पर ले जाया गया.

धड़कने बढ़ाने वाले वो 46 मिनट

स्पेस स्टेशन से निकलने के बाद लगभग 16 घंटे तक ड्रैगन कैप्सूल धरती की कक्षा में सही लोकेशन ढूंढता रहा. इसके बाद बुधवार तड़के उसे वह लोकेशन मिल पाई जिसे वह ढूंढ रहा था. वहां से वह सीधे धरती की ओर बढ़ा. धरती के वायुमंडल में घुसने के बाद उसे 46 मिनट लगे समंदर में गोता लगाने में.

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