PM Modi Russia Visit: पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव और जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना रूस दौरा रद्द कर दिया है. पीएम मोदी को 9 मई 2025 को मॉस्को में आयोजित होने वाली प्रतिष्ठित विक्ट्री डे परेड में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शामिल होना था. क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पीएम मोदी इस समारोह में हिस्सा नहीं लेंगे.
22 अप्रैल 2025 को पहलगाम के बैसरण घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया. इस हमले में 26 लोग जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. जो मारे गए. पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की छद्म इकाई ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने शुरू में हमले की जिम्मेदारी ली. हालांकि बाद में उसने इससे इनकार किया. इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कूटनीतिक कदम उठाए. उस समय सऊदी अरब के दौरे पर रहे पीएम मोदी ने अपनी यात्रा बीच में ही समाप्त कर भारत लौटने का फैसला किया. माना जा रहा है कि इस तनावपूर्ण स्थिति ने उनके रूस दौरे को रद्द करने में प्रमुख भूमिका निभाई.
रूस ने इस साल की शुरुआत में पीएम मोदी को विक्ट्री डे परेड के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा था. जिसे भारत के विदेश मंत्रालय ने स्वीकार किया था. रूसी उप-विदेश मंत्री आंद्रे रुदेंको ने कहा था ‘यह दौरा तय हो रहा है. उनके पास निमंत्रण है.’ हालांकि भारत ने बाद में सूचित किया कि इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा ‘हम उचित समय पर अपनी भागीदारी की घोषणा करेंगे.’
हर साल 9 मई को मॉस्को के रेड स्क्वायर पर आयोजित होने वाली विक्ट्री डे परेड रूस का सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय समारोह है. यह परेड द्वितीय विश्व युद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत संघ की जीत की 80वीं वर्षगांठ को चिह्नित करती है. रूसी सशस्त्र बलों की यह भव्य परेड सैन्य शक्ति और ऐतिहासिक गौरव का प्रतीक है. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इस अवसर पर मुख्य भाषण देते हैं. इस साल रूस ने कई मित्र देशों के नेताओं को आमंत्रित किया है. जिसमें चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मौजूदगी भी अपेक्षित है.
पीएम मोदी ने 2024 में दो बार रूस का दौरा किया था. जुलाई में द्विपक्षीय वार्ता और अक्टूबर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए. दोनों देशों के बीच व्यापार 2023-24 में 65 बिलियन डॉलर से अधिक रहा. जिसे 2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य है.
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