कुंडा विधायक राजा भैया को अभी तक पहचानने से इनकार करने वाले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बिना नाम लिये उन पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी की सरकार ने कड़ी कार्रवाई की थी उसे हमें बदलना नहीं चाहिए था. उनका इशारा मायावती द्वारा राजा भैया पर पोटा लगाने और मुलायम सिंह द्वारा हटाने की तरफ था. राजा भैया सपा और भाजपा दोनों ही सरकारों में मंत्री रहे हैं और मुलायम सिंह यादव के नजदीकी माने जाते हैं.
इससे पहले की प्रेस कांफ्रेंस में भी अखिलेश यादव कुंडा विधायक राजा भैया से खफा दिखे थे और यहां तक कह दिया था कि कौन राजा भैया. नाम उन्होंने आज भी नहीं लिया लेकिन बोल सब कुछ दिया. अखिलेश यादव ने कहा कि राजा भैया के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले गुलशन यादव के घर चाचा और हम जा चुके हैं. उनके खिलाफ झूठे मुकदमे लिखाकर आर्थिक रूप से जितना तोड़ा जा सकता है, वह तोड़ा जा रहा है.
मुकदमे दर्ज होने की टाइमलाइन देखिए कि कब दर्ज हो रहे हैं. अखिलेश यादव ने बताया कि उन्होंने इस बाबत जिले के पुलिस कप्तान से बात की थी. उनकी बातों से लग रहा था कि भारी दबाव के कारण झूठी एफआईआर लिखवाई जा रही है. उन्होंने आगे जोड़ा एफआईआर लिखवाने वाले घबराए हुए लोग हैं, इस बार वह चुनाव हारेंगे. उन्हें कोई नहीं बचा सकता.
सपा प्रुमख की हालिया नाराजगी प्रतापगढ़ की कुंडा विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रहे गुलशन यादव के खिलाफ लगातार मुकदमे और कुर्की की कार्रवाई को लेकर है. अखिलेश यादव का मानना है कि ये सारी कार्रवाई राजा भैया के इशारे पर हो रही है. 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में गुलशन यादव एक बार फिर राजा भैया को चुनौती देने की तैयारियों में जुटे हुए हैं. पिछले चुनाव में राजा भैया लगभग 30 हजार वोटोे से जीत पाये थे. इसके पहले वह एक लाख के अंतर से जीतते रहे थे. अखिलेश यादव ने कहा कि वो (राजा भैया) घबराए हुए हैं, उनका चुनाव हारना निश्चित है. उन्हें कोई गणित चुनाव नहीं जिता सकता है.
कुंडा से विधायक राजा भैया सपा सरकार में मंत्री रह चुके हैं और उनकी गिनती सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबियों में होती थी. राजा भैया अखिलेश यादव के भी करीबी रहे हैं, लेकिन सत्ता बदलते ही दोनों नेताओं के बीच खटास पैदा हो गई थी. जब अखिलेश यादव और मायावती की नजदीकियां थीं तब राजा भैया ने राज्यसभा चुनाव में मायावती के उम्मीदवार को वोट नहीं दिया था जिससे अखिलेश यादव खफा हो गये थे. राजा भैया भला मायावती और उनके उम्मीदवार को समर्थन कैसे देते, 2002 में बसपा सरकार में पोटा ठोककर राजा भैया को आधी रात जेल भेज दिया गया था.
राजा भैया लगभग एक साल जेल में रहे थे. मायावती के हटने के बाद 2003 में जब मुलायम सिंह यादव मुख्यमंत्री बने, तब राजा भैया पर से पोटा हटाया था और वह जेल से बाहर आये थे. मायावती जब भी सत्ता में आतीं, राजा भैया जेल भेज देती थीं. राजा भैया बीजेपी और सपा की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. मायावती की सरकार गिराने का आरोप राजा भैया पर लगता रहा है. कहते हैं कि इसी का बदला मायावती राजा भैया से लेती रही हैं.
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