नई दिल्ली: हरियाणा सरकार अपने कर्मचारियों के लिए तोहफा लेकर आई है. हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर ने कर्मचारियों की आधा दर्जन मांगों को पूरा कर दिया है. हरियाणा विधान चुनाव की तैयारी में लगे सीएम मनोहरलाल खट्टर ने शनिवार को बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि पहली अगस्त से कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के तहत आवास भत्ता (एचआरए) दिया जाएगा. इतना ही नहीं सरकार ने 23 साल बाद फिर से सभी कर्मचारियों को एक्सग्रेसिया यानी कि मृतकों को नौकरी देने के लाभ की घोषणा की है.
आपको बता दें कि हिरयाणा में आने वाले कुछ समय में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले ही हरियाणा के सीएम ने कर्मचारियों के लिए बड़ी खुशखबरी दी है. हरियाणा सरकार ने कर्मचारियों की कई शर्तों को मान लिया है. आवास भत्ता में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ अन्य बिंदुओं पर भी खट्टर सरकार के फैसले से कर्मचारियों की बल्ले-बल्ले हो गई है. आवास भत्ता बढ़ाने के बाद राज्य के साढ़े तीन लाख से ज्यादा कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग के तहत आवास भत्ता का लाभ मिलेगा, जिसके बाद सरकार खजाने पर हर साल 1900 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ जाएगा. बरहाल सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम की जगह पुरानी पेंशन स्कीम बहाली को लेकर कर्माचरियों की मांग पर कोई फैसला नहीं किया है.
इतना ही नहीं मनोहरलाल खट्टर सरकार ने 23 साल बाद फिर से एक्सग्रेसिया का भी लागू कर दिया है. एक्सग्रेसिया के तहत मृतकों के आश्रितों को तृतीय या फिर चतुर्थ श्रेणी की नौकरी भी दी जाएगी. हालांकि सरकार ने इसके लिए एक शर्त रखी है कि मृतक कर्मचारी ने पांच साल नौकरी पूरी की होनी चाहिए. साथ ही मृतक कर्मचारी की उम्र अगर 52 वर्ष से अधिक हुई या फिर पत्नी या बेटे में से कोई पहले ही कोई सरकारी नौकरी कर रहा है तो आश्रितों को इसका लाभ नहीं मिल पाएगा. हालांकि सरकार ने कहा है कि परिजनों को उतने वर्षों का वेतन दिया जाएगा, जितने वर्षों की मृतक कर्मचारी की नौकरी बची होगी. इस योजना का लाभ उन्हें भी मिलेगा, जिन्होनें कर्मचारी की मृत्यु के बाद वेतन के तहत लाभ नहीं ले सके हैं.
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