नई दिल्लीः राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिग मामले में बड़ा खुलासा करते हुए 36 करोड़ से ज्यादा कीमत के 500-1000 के प्रतिबंधित नोट बरामद किए हैं. NIA ने इस मामले में 9 लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों के पास से BMW व अन्य लग्जरी गाड़ियां भी जब्त की गईं हैं. NIA अधिकारियों ने बताया कि टेरर फंडिंग के इस ठिकाने से ISI द्वारा संभवत: आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों को फंडिंग की जाती थी. जानकारी के अनुसार, NIA द्वारा प्रदीप चौहान, भगवान सिंह, विनोद शेट्टी, शहनवाज मीर, दीपक तोपरानी, माजिद सोफी, एजाज हसन, जसविंदर सिंह और उमर डार को गिरफ्तार किया गया है. बुधवार को सभी आरोपियों को NIA कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 21 नवंबर तक NIA की कस्टडी में भेज दिया गया है.
NIA ने 36,34,78,500 रुपये के प्रतिबंधित 500-1000 के नोट बरामद किए हैं. NIA के शीर्ष सूत्रों की मानें तो इस रकम का इस्तेमाल कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को जारी रखने के लिए किया जाता था. मिली जानकारी के मुताबिक, सुरक्षा बलों द्वारा एनकाउंटर में जैश के मुखिया मसूद अजहर का भांजा तल्हा इसी संबंध में मारा गया है. NIA पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ में जुटी है. NIA पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या उनका टेरर फंडिंग के आरोप में पकड़े गए अलगाववादियों से कोई संबंध है या नहीं.
NIA seizes Rs 36,34,78,500 crore in demonetised currency, 9 arrested in J&K terror funding casehttps://t.co/wI9nSa1j38
— NIA India (@NIA_India) November 7, 2017
बताते चलें कि पीएम मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली कहते आए हैं कि देश में आतंकवाद फैलाने के लिए सीमा पार से होने वाली फंडिंग पर लगाम लगाने के मामले में नोटबंदी काफी कारगर साबित हुई है. नोटबंदी ने आतंकियों को होने वाली फंडिंग के नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया है. वहीं सेना भी घाटी में आतंकियों के खात्मे के लिए तमाम अभियान चला रही है. सरकार का दावा है कि नोटबंदी के बाद से घाटी में पत्थरबाजी, आतंकी गतिविधियों के आंकड़ों में काफी हद तक गिरावट आई है और इसका सारा श्रेय नोटबंदी और सेना को जाता है.