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37 या 82 मौतें? महाकुंभ में हुई मौतों को लेकर, अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर लगाए गंभीर आरोप, मुआवजे पर भी उठाए सवाल

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर हुई भगदड़ में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 37 लोगों की मौत हुई थी. लेकिन एक हालिया मीडिया रिपोर्ट ने इस आंकड़े पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि इस हादसे में 82 लोगों की जान गई.

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  • June 10, 2025 5:16 pm Asia/KolkataIST, Updated 3 days ago

Mahakumbh Stampede Death: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित महाकुंभ जो हिंदू आस्था और संस्कृति का प्रतीक माना जाता है. एक दुखद घटना के कारण विवादों में फिर से घिर गया है. 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर हुई भगदड़ में सरकारी आंकड़ों के अनुसार 37 लोगों की मौत हुई थी. लेकिन एक हालिया मीडिया रिपोर्ट ने इस आंकड़े पर सवाल उठाते हुए दावा किया है कि इस हादसे में 82 लोगों की जान गई. इस खुलासे ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले में सरकार पर तीखा हमला बोला है इसे ‘तथ्य बनाम सत्य: 37 बनाम 82’ की संज्ञा दी है.

अखिलेश यादव का तीखा प्रहार

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी पोस्ट में सरकार पर मृतकों की संख्या छिपाने का आरोप लगाया. उन्होंने लिखा ‘सब देखें, सुनें, जानें-समझें और साझा करें. सत्य की केवल पड़ताल नहीं, उसका प्रसार भी उतना ही ज़रूरी होता है. भाजपा आत्म-मंथन करे और भाजपाई भी और साथ ही उनके समर्थक भी कि जो लोग किसी की मृत्यु के लिए झूठ बोल सकते हैं. वो झूठ के किस पाताल-पर्वत पर चढ़कर अपने को अपने मिथ्या-साम्राज्य का मुखिया मान रहे हैं. झूठे आंकड़े देने वाले ऐसे भाजपाइयों पर विश्वास भी विश्वास नहीं करेगा.’

उन्होंने बीबीसी की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि यह केवल शुरुआत है और यह ‘महासत्य’ की खोज का पहला कदम है जो मृतकों की संख्या और मुआवजे के वितरण से जुड़ा है. अखिलेश ने जोर देकर कहा कि सत्य को दबाया नहीं जा सकता और यह झूठ की परतों को उजागर कर देगा.

मुआवजे पर भी सवाल

अखिलेश ने मुआवजे के वितरण पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने पूछा ‘महाकुंभ मृत्यु-मुआवज़े में जो राशि नकद दी गई, वो कैश क्यों दी गई. वो कैश आया कहां से और जिनमें वो कैश वितरित नहीं हो पाया. वो कैश वापस गया किसके हाथ में, नकदी देने का निर्णय किस नियम के तहत हुआ. नकदी का वितरण किसके आदेश पर हुआ. नकदी के वितरण का लिखित आदेश कहां है. नकदी वितरण में क्या कोई अनियमितता हुई और साथ ही यह भी कि मृत्यु के कारण को बदलवाने का दबाव किसके कहने पर बनाया गया?’

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 26 परिवारों को 5-5 लाख रुपये नकद दिए गए लेकिन इन मृतकों को आधिकारिक सूची में शामिल नहीं किया गया. साथ ही इन परिवारों से लिखवाया गया कि मौतें बीमारी या अन्य कारणों से हुईं.

कांग्रेस ने भी उठाए सवाल

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी इस मामले में योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा ‘इस जांच रिपोर्ट में बीबीसी ने पाया कि कुंभ भगदड़ में कम से कम 82 लोग मारे गए. यह यूपी सरकार की बताईं 37 मौतों से कहीं ज्यादा हैं. 11 राज्यों के 50 से अधिक जिलों में 100 से अधिक परिवारों से बात की गई है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने मृतकों की संख्या को कम दिखाने के लिए जानबूझकर आंकड़े छिपाए और मुआवजे के वितरण में पारदर्शिता की कमी रही.

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