नई दिल्ली: गर्मी और मानसून के मौसम में उमस की वजह से फंगल इंफेक्शन के मामले भी काफी बढ़ जाते हैं, इन्हीं में से एक है दाद की समस्या। दाद डर्मेटोफाइट्स नामक फंगस से फैलता है जो गर्म और नमी वाली जगहों पर पनपता है, इसलिए गर्म और नमी वाले मौसम में दाद होने की संभावना काफी ज्यादा होती है। अगर इस पर ध्यान न दिया जाए तो धीरे-धीरे यह त्वचा पर काफी फैल सकता है। आमतौर पर दाद पैच के आकार में होता है, जिसमें त्वचा में लालिमा और बारीक दाने जैसे उभार बन जाते हैं जो पपड़ीदार भी दिखाई देते हैं। दाद से छुटकारा पाने में कुछ घरेलू उपाय भी कारगर होते हैं।
दाद को ठीक होने में करीब एक सप्ताह, 10 या 15 दिन का समय लग सकता है, लेकिन इससे तेज दर्द, जलन, खुजली होती है और यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है, इसलिए कपड़ों से लेकर साबुन तक हर चीज को अलग रखना चाहिए और साफ-सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए। तो आइए जानते हैं दाद में कौन सी चीजें लगाने से आराम मिलता है।
दाद की समस्या से निजात पाने के लिए हल्दी और नारियल के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है, क्योंकि नारियल का तेल त्वचा को नमी प्रदान करता है और फंगल इंफेक्शन से निजात दिलाने में भी कारगर है। हल्दी में सूजनरोधी गुण होते हैं और यह घावों को भरने में कारगर है। हल्दी और नारियल के तेल का पेस्ट बनाकर रोजाना दाद पर लगाने से काफी आराम मिलता है।
लहसुन में एंटीफंगल गुण होते हैं, इसलिए दाद की समस्या से निजात पाने के लिए लहसुन की कलियों को छीलकर पीसकर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में नारियल या जैतून का तेल मिलाकर प्रभावित जगह पर लगाएं और करीब दो घंटे के लिए छोड़ दें। ऐसा नियमित रूप से करने से दाद खत्म होने लगता है।
अगर त्वचा पर दाद हो जाए तो दर्द के साथ-साथ त्वचा में काफी खुजली और जलन भी होती है। इन समस्याओं से राहत पाने के लिए प्रभावित जगह पर ताजा एलोवेरा लगाएं। इससे न केवल आपको दर्द, खुजली, जलन से राहत मिलेगी, बल्कि अगर आप इसे हर रात सोने से पहले लगाते हैं, तो दाद भी कम होने लगता है।
एप्पल साइडर विनेगर भी फंगल इंफेक्शन से निपटने के लिए एक बेहतरीन सामग्री है। रूई को सेब के सिरके में डुबोएं और इसे नियमित रूप से दिन में कम से कम दो बार प्रभावित जगह पर लगाएं। इस तरह आपको दाद से छुटकारा मिल जाएगा। प्राकृतिक चीजों से दाद की समस्या से जरूर छुटकारा मिल सकता है, लेकिन अगर समस्या ज्यादा है, तो घरेलू उपायों की बजाय डॉक्टर से संपर्क करना और दवा लेना बेहतर है।
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